नई दिल्ली: राजस्थान (Rajasthan) के टोंक में एसडीएम को थप्पड़ (slapped the SDM) मारने वाले नरेश मीणा (Naresh Meena) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसके एक-एक राज खोल रही है. दरअसल नरेश मीणा के खिलाफ कुल 23 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें 5 में कार्रवाई शेष है. इन मुकदमों में गुरुवार को दर्ज मामलों को नहीं जोड़ा गया है. इस बात की जानकारी पुलिस ने दी.
राजस्थान के टोंक में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. टोंक के एसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ नरेश मीणा को गिरफ्तार करने उसी गांव में पहुंचे थे, जहां मीणा अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे थे. हालांकि इस दौरान नरेश मीणा सरेंडर करने से मना करते रहे थे.
वो कह रहे थे कि जबतक उनकी शर्त नहीं मानी जाती तब तक वो सरेंडर नहीं करेंगे, हालांकि पुलिस ने मीडिया के सामने ही नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया. नरेश मीणा की गिरफ्तारी से गुस्साए समर्थकों ने सवाईमाधोपुर के पास अलीगढ़ में जाम लगा दिया है. जहां कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा मौक़े पर पहुंच गए हैं और उनसे बातचीत कर रहे हैं.
नरेश मीणा ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि गांव के लोग वोटिंग का बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन एसडीएम बीजेपी कैंडिडेट को जिताने के लिए वहां फर्जी वोटिंग करा रहे थे. इतना ही नहीं एसडीएम ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उसके पति और एक टीचर को धमकाया कि अगर वोट नहीं डाला तो उनकी सरकारी नौकरी चली जाएगी.
मीणा ने कहा कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद मैंने मांग की थी कि कलेक्टर यहां आएं, लेकिन कलेक्टर नहीं आईं. वो हाथों में मेहंदी लगाकर बैठी थीं. इसी मांग को लेकर मैं धरने पर बैठा था, लेकिन मेरे लिए खाना और गद्दा आ रहे थे उन्हें भी पुलिस ने नहीं आने दिया और फिर मेरे समर्थकों पर लाठीचार्ज किया गया. मुझ पर मिर्ची बम से हमला किया, जिसमें मैं बेहोश हो गया और फिर मेरे साथी मुझे लेकर पांच किलोमीटर दूर किसी घर में छिपा दिया. मैंने कहा कि एसपी यहां आएं और मेरी गिरफ्तारी करें. लेकिन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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