भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने 23 ब्लॉक समन्वयकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बताया गया कि जिन लोगों को बाहर निकाला है, उनकी नियुक्तियां भर्ती दस्तावेजों के आधार पर की गई थीं। अन्य को भी बाहर किया जा सकता है। आजीविका मिशन में 405 ब्लॉक कोऑर्डिनेटर की एनआरईटीपी परियोजना में युक्तियां की गई थी। जिसमें उधमिता विकास विशेषज्ञ, फॉरवर्ड लिंकेज कोऑर्डिनेटर, वित्तीय समावेश कोऑर्डिनेटर, ऑर्गेनिक फार्मिंग कोऑर्डिनेटर जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। इन सभी पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता एवं उपयुक्त कार्य अनुभव पर भर्ती की जानी थी परंतु आजीविका मिशन के अफसरों ने वर्ष 2021 में एजेंसी के माध्यम से भर्ती की। मप्र राज्य आजीविका मिशन से जुड़े रहे अधिकारी भूपेन्द्र प्रजापति ने बताया कि इन कर्मचारियों की भर्तियां में निरंतर धांधलियां सामने आ रही थी। खास बात यह है कि अवैध नियुक्ति मामले में आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल भी विवादों में है। आईएएस नेहा मारव्या की जांच रिपोर्ट पर शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट में बेलवाल की भ्ूामिका संदिग्ध है।
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