भोपाल। शांति के टापू कहे जाने वाले मप्र में पिछले 7 साल के भीतर 229 दंगे भड़के हैं। साथ ही इस अवधि में आदिवासी और दलितों पर भी जमकर अत्याचार हुए हैं। 57925 केस दर्ज किए गए हैं। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी है। सरकार ने जवाब में बताया कि 2015 में 62, 2016 में 59, 2017 में 39, 2018 में 24, 2019 में 15, 2022 में 20, 2021 में 9 और 2022 में अभी तक 1 दंगा हुआ है। पुलिस ने दंगा करने वालों को सजा भी दिलाई है। इसी तरह 7 वर्षों में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग पर अत्याचार के 57 925 केस दर्ज हुए। मतलब प्रतिदिन 23 केस दर्ज होते हैं । जिसमें 20929 केस का निर्णय कोर्ट से हुआ जिसमें 3974 प्रकरण में सजा हुई जिसका सक्सेस रेट 19 फीसदी है। वहीं विगत 7 वर्षों में लोकायुक्त में 2344 केस भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी के दर्ज किए जो कि औसत एक केस प्रतिदिन है। जिसमें सजा 367 केस में है। जिसका सक्सेस रेट 15 प्रतिशत है। सबसे ज्यादा 155 केस 2019 में निराकृत करवाए गए । 32 शासकीय केस जो लोकायुक्त ने दर्ज किए हैं, मैं शासन द्वारा अभियोजन के लिए आज दिनांक तक विगत 7 वर्षों में अनुमति प्रदान नहीं की गई है।
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