फिर समाज और परिवार में रहना सीख रहीं
पुनर्वास और कौशल प्रशिक्षण के तहत महिलाएं बना रहीं राखियां
इंदौर। 22 महिलाएं मानसिक रोग को हराकर एक बार फिर परिवार में लौटने और समाज के साथ रहने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। इन्होंने न केवल कौशल का हाथ थामा है, बल्कि अपने हुनर को भी तराश रही हैं। होम अगेन के तहत चार घरों में इन्हें व्यावहारिकता का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है।
ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान द्वारा निराश्रित मानसिक रोगी महिलाओं के लिए समुदाय में ही आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लिंबोदी क्षेत्र में होम अगेन प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। ऐसी महिलाओं, जो मानसिक बीमारियों के चलते परिवार से बिछड़ गई थीं, उन्हें अब समाज फ्रेंडली बनाया जा रहा है, के द्वारा बनाई राखियों को लोग खरीदकर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को राखियां और पत्र भेजा
बीमारी के चलते समाज से कट चुकी ये महिलाएं शून्य से शुरुआत कर खुद को आगे बढ़ा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को इन महिलाओं ने बनाई राखियां और उनके द्वारा लिखा पत्र भेजा है। संस्था द्वारा 26 अगस्त को रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी और नागरिक इन महिलाओं से राखी बंधवाएंगे।
परिवार अब भी रखने को तैयार नहीं
संस्था के निदेशक अजय धवले ने बताया कि जो महिलाएं मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और मेंटल हॉस्पिटल में रहने के बाद ठीक हुईं तो भी उनका परिवार या समाज रखने को तैयार नहीं है। प्रोजेक्ट ‘होम अगेन’ के माध्यम से इंदौर में इनका पुनर्वास करने का प्रयास किया जा रहा है। शहर के लिंबोदी क्षेत्र में चार घरों में 22 महिलाएं निवासरत हैं। उन्हें घर जैसा माहौल देने और समाज की मुख्यधारा से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। इलाज के साथ योग, कौशल प्रशिक्षण आदि गतिविधियां की जाती हैं। होम अगेन मध्य भारत का पहला प्रोजेक्ट है। देश के अन्य 6 राज्यों में भी संचालित है। ऐसे ही प्रोजेक्ट श्रीलंका व पश्चिम बंगाल में भी चल रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved