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    22 लोगों को निर्वाचन से मुक्त किया, फिर अटैच होने लगा रहे जुगत

  • April 16, 2024

    • सजा बन गया इनाम
    • मक्कारी का रंग चढ़ा, नहीं करना चाहते अपने विभाग में काम

    इंदौर। इंदौर जिला प्रशासन में 22 ऐसे कर्मचारियो को उनके मूल विभाग में वापस जाने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन अब यही कर्मचारी लोकसभा चुनाव के नाम पर निर्वाचन विभाग में अपना अटैचमेंट कराने के लिए जुगत भिड़ा रहे है। ये कर्मचारी लंबे समय से अटैचमेंट के कारण मूल विभाग का काम करना ही भूल गए हैं और इन पर मक्कारी का रंग चढ़ गया है।

    कर्मचारियों की कमी के चलते निर्वाचन विभाग चुनाव के दौरान कई विभागों से अटैचमेंट पर विभिन्न लेवल के कर्मचारियों को अटैच करता आया है, लेकिन जब चुनाव की प्रक्रिया नहीं होती है उस दौरान विभाग में न के बराबर काम होता है, जिसके कारण सरकारी कर्मचारी अपने मूल विभाग में लौटना ही नहीं चाहते। कई कर्मचारियों ने 10 से 15 साल की नौकरी निर्वाचन विभाग में अटैचमेंट करवा कर ही पूरी कर ली है, जिसे देखते हुए एडीएम व उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेंद्र रघुवंशी ने विधानसभा चुनाव के बाद विभाग में छंटनी करते हुए 22 लोगों को अपने-अपने मूल विभाग में लौट जाने के आदेश दिए थे।


    मिन्नतों का दौर शुरू
    कर्मचारियों द्वारा उच्च अधिकारियों को मनाने का सिलसिला शुरू हो चुका है ,मिन्नतों का दौरा शुरू हो गया है। साहब सालों से यही रहा हूं… अब इतना काम नहीं होता….. रिटायरमेंट पास है कुछ दिन और रहने दो…. वहां मन ही नहीं लगता…काम करना भूल गया हूं जैसी मिन्नते अधिकारियो के समक्ष की जा रही है। लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही अब इन कर्मचारियों को एक बार फिर अटैचमेंट करने का मौका मिल गया है, जिसे देखते हुए निर्वाचन विभाग में कई आवेदन आ रहे हैं, लेकिन उच्च अधिकारियों मैं मन बना लिया है कि उन्हें अपने मूल विभाग में ही काम कराया जाएगा। ज्ञात हो कि दुग्ध विभाग, सरकारी नोट प्रेस, महिला बाल विकास, खाद्य विभाग, तहसील कार्यालय एसडीएम एडीएम कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय में अत्यधिक काम का दबाव रहता है यहां के कई कर्मचारी अटैचमेंट पर निर्वाचन विभाग में तैनात थे।

    सजा बन जाती है इनाम
    35 से अधिक डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे जिला निर्वाचन कार्यालय के उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थों को मक्कारी करने या किसी विवादात्मक स्थिति में फंसने, गबन के आरोप लगने, लोकायुक्त की कार्यवाही होने,कर्मचारी के खिलाफ कोर्ट में केस चलने, के दौरान जब तक फैसला नहीं सुनाया जाता है, तब तक के लिए कर्मचारियों को निर्वाचन विभाग में अटैचमेंट कर देते हैं, लेकिन यही सजा इन कुछ कर्मचारियों के लिए इनाम बन जाता है और वह हमेशा के लिए निर्वाचन विभाग में अटैच होने की जुगत लगाने लगते है। हालांकि यह प्रक्रिया सजा के लिए की जाती है, लेकिन यही सजा अब कर्मचारियों के लिए मजा बन गया है।

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