नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कहा कि 22 जनवरी (22 January) आने वाले वर्षों के लिए (For Years to Come) एक ऐतिहासिक दिन होगा (Will be A Historic Day) । राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट सत्र के आखिरी दिन नियम 193 के तहत लोकसभा में यह विशेष चर्चा हो रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर प्रस्ताव पर लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा, 22 जनवरी आने वाले वर्षों के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। यह वह दिन था जिसने सभी राम भक्तों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा 22 जनवरी महान भारत की शुरुआत थी जो लोग भगवान राम के बिना देश की कल्पना करते हैं वे हमारे देश को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं और वे उपनिवेशवाद के दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह काने कहा राम मंदिर आंदोलन को नजरअंदाज करके इस देश का इतिहास कोई नहीं पढ़ सकता। 1528 के बाद से हर पीढ़ी ने किसी न किसी रूप में इस आंदोलन को देखा है. यह मामला लंबे समय तक अटका रहा.” मोदी सरकार के समय सपना पूरा करना था। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता। 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को किसी न किसी रूप में देखा है। ये मामला लंबे समय तक अटका रहा, भटका रहा। मोदी जी के समय में ही इस स्वप्न को सिद्ध होना था और आज देश ये सिद्ध होता देख रहा है।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा में तो राम की इज़्ज़त करता हूँ,परन्तु नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूँ।ओवैसी ने लोकसभा में कहा बाबरी मस्जिद जिंदाबाद थी, बाबरी मस्जिद जिंदाबाद है, बाबरी मस्जिद जिंदाबाद रहेगी। लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा शुरू होने पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मोदी सरकार किसी खास समुदाय, धर्म की सरकार है या पूरे देश की सरकार है?”भारत सरकार मेरा एक धर्म है? मेरा मानना है कि इस देश का कोई धर्म नहीं है। 22 जनवरी के माध्यम से, क्या यह सरकार यह संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं? …क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?.मैं भगवान राम का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं, क्योंकि उसने उस व्यक्ति को मार डाला, जिसके अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे ।
भाजपा सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने राम मंदिर पर चर्चा का प्रस्ताव पेश करते हुए अपने भाषण में कहा कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं है, भगवान राम सबके हैं, भगवान राम हम सबके पूर्वज भी हैं और हम सबके लिए प्रेरणा भी हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक काम के बारे में इस महान सदन में प्रस्ताव रखना उनका बहुत बड़ा अहोभाग्य है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नियम 193 के तहत राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सदन में विशेष चर्चा होने की जानकारी देते सदन में कहा कि आज महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हो रही है, ऐतिहासिक महत्व के विषय पर चर्चा हो रही है।
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