अग्निबाण एक्सक्लूसिव… डाटा सेंटर होंगे स्थापित, आईटी सहित एविएशन कम्पनियों से भी हुई चर्चा, इकोनॉमिक कॉरिडोर में भी उपलब्ध करवाएंगे जमीनें
इंदौर।
आने वाले 5 सालों में इंदौर (Indore) की सूरत और सीरत पूरी तरह से बदल जाएगी और यह देश के प्रमुख बड़े महानगरों (Metros) में शुमार होगा। अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook), फ्लिपकार्ड (Flipcard) सहित विश्व की 22 बड़ी कम्पनियां (Companies) अपने दफ्तर सहित अन्य गतिविधियां शुरू करने जा रही है, जिसको लेकर शासन-प्रशासन (Governance) और अन्य स्तरों पर लगातार चर्चाएं चल रही है। इन कम्पनियों के डाटा सेंटर (Data Center) स्थापित होंगे, तो जानी-मानी आईटी कम्पनियां (IT Companies) भी सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) और अन्य जगह अपने सेंटर स्थापित करेगी। टीसीएस (TCS), इन्फोसिस (Infosys) जैसी देश की सबसे बड़ी कम्पनियां तो पहले से ही मौजूद है। वहीं अभी विश्व की चार बड़ी कम्पनियां ने भी इंदौर को पसंद किया है।
इंदौर मेडिकल (Indore Medical) और एज्युकेशन हब (Education Hub) के रूप में तो अभी लगातार विकसित हो ही रहा है और तमाम बड़े स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल खुल रहे हैं। वहीं आईटी हब भी बन रहा है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने अपने ट्वीटर हैंडल पर भी दावा किया कि अमेजन, फेसबुक, फ्लिपकार्ड सहित विश्व की 22 बड़ी कम्पनियां इंदौर में अपने दफ्तर खोलने जा रही है, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे और इस साल के अंत तक ही ये कम्पनियां अपना काम शुरू कर देंगी। 10 हजार युवाओं को रोजगार देंगी। वहीं चार आईटी कम्पनियों को सिंहासा आईीट पार्क, सुपर कॉरिडोर पसंद आया। तो फ्लिपकार्ड Flipcard) , अमेजन(Amazon), फेसबुक (Facebook) ने भी अपने डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला और इंदौर एमपीएसआईडीसी रोहन सक्सेना सहित अन्य अधिकारी अभी बैंगलुरु, हैदराबाद के दौरे पर भी रहे और वहां भी कई बड़ी आईटी, एविएशन सहित अन्य सेक्टर से जुड़ी कम्पनियों के प्रमुखों से चर्चा की। जिस तरह सेज में केन्द्र और राज्य सरकार ने उद्योगों को कई तरह की टैक्स छूट व अन्य राहत दी है उसी तरह की मांग इन विश्व की बड़ी कम्पनियों ने भी की है, जिसमें मुख्य रूप से बिजली की दरें 4 रुपए या उससे कम रखने की बात कही गई है। अभी जो इकोनॉमिक कॉरिडोर एमपीआईडीसी द्वारा तैयार किया जा रहा है यह सुपर कॉरिडोर के अंतिम छोर यानी नैनोद, इंदौर-अहमदाबाद हाईवे को क्रॉस करते हुए राऊ बायपास के आगे एबी रोड से जुड़ेगा। इस कॉरिडोर में ही आईटी पार्क, डेटा सिटी, फिंटेक सिटी, एरो सिटी, स्टार्टअप सिटी अन्य गतिविधियां लाई जाएंगी, जिसके लिए 3 हजार एकड़ से अधिक निजी जमीनों का अधिग्रहण भी किया जा रहा है और कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर की जमीन इस प्रोजेक्ट में शामिल की गई है। इंदौर में चूंकि एयर कनेक्टीविटी लगातार बढ़ रही है, लिहाजा उसी के पास बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर को प्राथमिकता दी जा रही है। वहीं पीथमपुर सेक्टर-7 पर भी काम चल रहा है।
उड़ानों के साथ हवाई यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा
अभी कोरोना संक्रमण के चलते हवाई यात्रियों की संख्या घटी, लेकिन अब धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। अभी इंदौर एयरपोर्ट से लगभर 6 हजार यात्रियों का आवागमन शुरू हो गया है, जो आने वाले दिनों में 8 से 10 हजार तक पहुंच जाएगा, क्योंकि उड़ानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज इंदौर से जम्मू के लिए नई उड़ान शुरू हो गई। वहीं आने वाले दिनों में अन्य प्रमुख शहरों और टूरिस्ट स्पॉटों के लिए भी उड़ानें बढ़ेंगी।
सिंहासा आईटी पार्क में चंदन नगर एप्रोच के कारण परेशानी
सिंहासा आईटी पार्क को अभी पूरी सफलता इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि इसकी एप्रोच चंदन नगर से है, जिसको लेकर विगत कई वर्षों में भी शासन कोई निर्णय नहीं ले सका। इसके चलते सिंहासा आईटी पार्क को कम्पनियों द्वारा कम पसंद किया जा जा रहा है। इकोनॉमिक कोरिडोर में अवश्य आईटी कम्पनियां इंट्रेस्ट ले रही है, जहां पर डेढ़ हजार करोड़ रुपए का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
नाइट लाइफ से लेकर मांगी सस्ती बिजली भी
आईटी कम्पनियों के साथ-साथ जो अन्य विश्व स्तरीय कम्पनियां इंदौर आना चाहती हैं उन्होंने बेहतर नाइट लाइफ के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मांगी हैं, जिनमें जमीन के अलावा सस्ती बिजली, पानी, सुरक्षा, बेहतर सडक़ें और अन्य उससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। स्कूल, कॉलेज, होटल के साथ-साथ बेहतर एयर कनेक्टीविटी की मांग भी इन बड़ी कम्पनियों की हैं। जिस तरह बैंगलुरु में पब कल्चर आईटी से पनपा, उसी तरह की मांग अब इंदौर में रहेगी।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां भी हो गई शुरू
कोरोना के कारण ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भी इंदौर में नहीं हो सका। अभी फरवरी में इसके आयोजन की तैयारी की गई थी। मगर जनवरी में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप रहा। नतीजतन अब इसे अक्टूबर में करने का विचार किया गया और इसकी भी तैयारी उद्योग विभाग ने शुरू कर दी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी देश-विदेश की बड़ी कम्पनियों और निवेशकों को बुलाया जाएगा।
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