इन्दौर (Indore)। पिछले दिनों इंदौर के 580 क्षेत्रों में संशोधित होने वाली गाइडलाइन को केन्द्रीय मूल्यांकन समिति ने मंजूरी तो दे दी, मगर कब से लागू होना है इसकी सूचना अभी तक इंदौर कार्यालय को नहीं मिली है। लिहाजा तब तक वर्तमान गाइडलाइन से ही इन क्षेत्रों में रजिस्ट्रियां होती रहेंगी। दूसरी तरफ विभाग ने लगभग सवा सात फीसदी राजस्व गत वर्ष की तुलना में अभी तक अधिक हासिल किया और अभी नवरात्रि से दीपावली तक के बड़े त्योहारों के दौरान भी अच्छी संख्या में हुई रजिस्ट्रियों से 214.43 करोड़ रुपए हासिल हुए। इस वित्त वर्ष में अभी तक 1340 करोड़ रुपए का कुल राजस्व मिल चुका है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री के निर्देश पर इंदौर सहित सभी जिलों में बीच वित्त वर्ष में गाइडलाइन में संशोधन की कवायद की गई, जिसमें इंदौर में 111 नई कॉलोनियों के अलावा 469 पुराने उन क्षेत्रों में भी गाइडलाइन बढ़ाने की अनुशंसा की गई, जहां सबसे अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं और बाजार दर में भी वृद्धि देखी गई। केन्द्रीय मूल्यांकन समिति ने इन प्रस्तावों को हरी झंडी तो दे दी है, मगर फिलहाल इंदौर कार्यालय को ये संशोधित गाइडलाइन कब से लागू करना है उसका आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं उपमहानिरीक्षक पंजीयन परिक्षेत्र इंदौर बालकृष्ण मोरे के मुताबिक सभी 15 जिलों में इस वर्ष अभी तक 2508 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है, जबकि गत वर्ष 2290 करोड़ हासिल हुए थे।
यानी 218 करोड़ रुपए अधिक प्राप्त हुए हैं। इसमें इंदौर जिले में अभी तक 1340 करोड़ रुपए हासिल हुए, जबकि गत वर्ष 1250 करोड़ ही मिले थे। यानी 90 करोड़ का अधिक राजस्व इस वित्त वर्ष में प्राप्त हुआ है। अभी अक्टूबर के महीने में भी इंदौर जिले में रजिस्ट्रियों की संख्या में वृद्धि हुई, क्योंकि नवरात्रि से लेकर दीपावली तक का त्योहारी समय था, जिसमें गत वर्ष 190 करोड़ मिले थे, तो इस साल 214.43 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। इसी तरह अन्य जिलों में भी बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा 34.62 फीसदी की बढ़ोतरी आगर-मालवा में तो 14.37 फीसदी की बढ़ोतरी धार जिले में, 16.90 फीसदी की बढ़ोतरी शाजापुर जिले में देखी गई है।
इसी तरह उज्जैन में भी 11.83 फीसदी का इजाफा हुआ है। मोरे के मुताबिक उनके परिक्षेत्र में आने वाले इंदौर सहित सभी 15 जिलों में इस वित्त वर्ष में अभी तक 2508.67 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हो चुका है, जो कि गत वर्ष से 218.24 करोड़ अधिक है। वहीं पिछले दिनों इंदौर जिले से भी गाइडलाइन वृद्धि के प्रस्ताव भिजवा दिए थे और केन्द्रीय मूल्यांकन समिति की बैठक में उन्हें मंजूरी भी मिल गई। अभी शासन आदेश का इंतजार है। उसके बाद इन क्षेत्रों में संशोधित गाइडलाइन लागू कर दी जाएगी। फिलहाल तो वर्तमान गाइडलाइन दर पर ही रजिस्ट्रियां हो रही हैं। साथ ही संपदा 2.0 पोर्टल भी अमल में आ गया है। उस पर भी दस्तावेजों का पंजीयन हो रहा है।
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