अयोध्या: रामनगरी (RamNagari) सज चुकी है और कई रिकॉर्ड (Record) बनाने के लिए भी तैयार है. अयोध्या (Aayodhya) में इस बार सबसे बड़ा दीपक (Deepak) जलाने का भी रिकॉर्ड बनाया जाएगा, जिसकी तैयारी शुरू हो गई है. इस दीपक को तैयार करने में साढ़े सात करोड़ रुपये का खर्च आएगा. दीपक का व्यास 28 मीटर का होगा. 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और इसको भव्यत्म बनाने के लिए जन-जन के प्रयास से तैयारी चल रही है. इस मौके पर दुनिया का सबसे बड़ा दीपक जलाने की तैयारी हो रही है.
इसे रामघाट (Ram Ghat) के तुलसीबाड़ी में 28 मीटर व्यास वाले दीपक में जिसका नाम प्रभु श्रीराम के पिता महाराज दशरथ (Maharaj Dashrath) के नाम पर रखा गया है. 21 क्विंटल तेल डालकर दीपक को जलाने की तैयारी हो रही है. भगवान राम त्रेतायुग में तुलसीबाड़ी में ही पूरे परिवार के साथ पूजन किया करते थे. सरयू के तट पर स्नान करने के बाद वह यहीं पूजन के लिए आते थे, इसलिए आज भी इसका नाम रामघाट है. सरकारी दस्तावेजों में भी इसे इसी नाम से जाना जाता है.
तपस्वी छावनी के संत स्वामी परमहंस (Swami Paramhans) ने बताया कि शास्त्रों व पुराणों के अध्ययन के बाद दीपक का आकार त्रेतायुग के मनुष्यों के आकार के अनुसार तैयार कराया जा रहा है. परमहंस के अनुसार, त्रेतायुग में मनुष्य की लंबाई 21 फुट यानी 14 हाथ हुआ करती थी. शास्त्रों व पुराणों में इसका वर्णन मिलता है. सतयुग में 32 फुट यानी 21 हाथ, द्वापर में 11 फुट यानी सात हाथ होती थी. कलयुग में पांच से छह फीट के बीच लंबाई होती है.
दीपक तैयार करने में लगभग साढ़े सात करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसकी बाती सवा क्विंटल रूई से तैयार हो रही है. इसके लिए 108 लोगों की टीम बनाई गई है. स्वामी परमहंस ने दावा किया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा दीपक होगा. इसमें देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था, मेहनत और श्रद्धा भी शामिल है. इससे पहले नौ मीटर व्यास का ही दीपक जलाया गया है. रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए गिनीज बुक आफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम से संपर्क भी किया गया है.
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