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    वर्धमान तप ओली की 21 लोग कर रहे आराधना

  • October 15, 2024

    झारड़ा। साध्वी अर्चिता श्रीजी व आनंदिता श्रीजी की उपस्थिति में 21 आराधकों द्वारा वर्धमान तप ओली का पाया डालने की तपस्या की जा रही है। इसके द्वारा अपनी रसनेन्द्रियों को वश में किया जाता है।



    इसमें दिन में केवल एक ही बार एक स्थान पर बैठकर सादा उबला भोजन करना होता है। आयम्बिल ओली भोजन में नमक सहित सभी द्रव्यों अर्थात दूध, दही, घी, तेल, शक्कर आदि सभी का त्याग किया जाता है। पहले दिन आयम्बिल और फिर एक दिन उपवास, दो दिन आयम्बिल और फिर एक दिन उपवास, तीन दिन तक आयंबिल और एक दिन तक उपवासचार दिन तक आयंबिल और एक दिन तक उपवास, तथापांच दिन तक आयंबिल और एक दिन तक उपवास। यह बीस दिनों का होता है। पंकज- रीना नवलखा, सुनील-पूनम रामसना, कमलाबेन चंद्रावत, प्रमिला बेन नवलखा, सौभाग बेन छीगावत, रंजना जैन, पुखराज पितलिया, रुपिता चोरडिया, रंजीता आँचलिया, पिंकी सोनी, लक्ष्मीबेन रामसना, रिंकी देवड़ा प्रिया सोनगरा, निक्की चंद्रावत, कविता रामसना, संगीता जैन, किरण चौरडिय़ा, आराध्या सोनी, प्रियंका सोनी, अदिति चंद्रावत, रमेश तांतेड़, कमलेश पिपलिया, संजय चंद्रावत, आरुष तांतेड़ सोनिका पितलिया, निर्मला बेन कोठारी आदि आराधना कर रहे हैं। जानकारी सुनील जैन रामसना ने दी।

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    स्वर्णगिरी परिक्रमा में शामिल हुए साधु-संत और श्रद्धालु

    Tue Oct 15 , 2024
    महिदपुर। आश्विन शुक्ल पापंकुशा एकादशी पर्व पर सुबह नारायणा धाम के समीपस्थ ग्राम चिरमिया में स्थित स्वर्णगिरी मुखारविंद पर दुग्धाभिषेक और विशेष पूजन का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत शामिल हुए। परिक्रमा वीर हनुमान मंदिर आक्याधांगा, बालाजी धाम महू, श्रीकृष्ण सुदामा धाम नारायणा होते हुए मैत्री धाम स्वर्णगिरी पहुँची जहाँ महाआरती के […]
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