नई दिल्ली (New Delhi) । अरबपति गौतम अडानी (Billionaire Gautam Adani) के लिए साल 2023 काफी चुनौतियों से भरा रहा है। इस साल के पहले महीने में ही गौतम अडानी समूह को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) के आरोपों का सामना करना पड़ा। इसका असर पूरे साल देखने को मिला और ना सिर्फ अडानी समूह के शेयरों या मार्केट कैपिटल (shares or market capital) में गिरावट आई बल्कि गौतम अडानी की निजी दौलत को भी बड़ा नुकसान हुआ। हिंडनबर्ग के आरोपों से अडानी को निजी दौलत में लगभग 35 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
सबसे ज्यादा गिरावट
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के आंकड़ों से पता चलता है कि 61 वर्षीय बिजनेस टाइकून गौतम अडानी ने साल 2023 में वैश्विक स्तर पर व्यक्तिगत संपत्ति में सबसे ज्यादा गिरावट देखी। यह गिरावट 35 बिलियन डॉलर की थी। फिलहाल गौतम अडानी की दौलत 85 बिलियन डॉलर है और वह दुनिया के 15वें सबसे रईस अरबपति हैं। हालांकि, भारत में अरबपतियों की सूची में गौतम अडानी दूसरे नंबर पर हैं। अडानी से आगे रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी हैं। अंबानी की दौलत 92 बिलियन डॉलर से ज्यादा है और वह दुनिया के 13वें सबसे रईस अरबपति हैं।
कब शुरू हुआ संकट
बता दें कि जनवरी महीने के आखिरी दिनों में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। यह आरोप ऐसे समय में लगे जब अडानी समूह की लीडिंग कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज अपना एफपीओ लॉन्च करने वाली थी। इन आरोपों के बाद समूह ने सफाई दी तो अपने एफपीओ को भी वापस ले लिया। हालांकि, इस वजह से शेयर बाजार में हड़कंप मचा और अडानी समूह के शेयरों में ऐतिहासिक गिरावट आई। एक समय अडानी समूह के शेयरों की लगातार बिक्री के बाद अडानी की लगभग 60% संपत्ति स्वाहा हो गई।
मार्च महीने में मिली गुड न्यूज
हालांकि, अडानी समूह के लिए मार्च महीने में एक अच्छी खबर आई जब राजीव जैन के अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स ने 4 अडानी शेयरों में 5,460 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीदी। तब से यह फंड हाउस अडानी शेयरों में हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। वहीं, अडानी समूह अलग-अलग तरीके से फंड जुटा रहा है तो अपने कर्ज को चुकाने पर भी फोकस है। समूह की ओर से किए गए तमाम प्रयासों के बाद अब एक बार फिर अडानी की कंपनी और उनकी निजी दौलत में रिकवरी देखने को मिल रही है।
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