नई दिल्ली (New Delhi)। जम्मू कश्मीर (J&K) के लिए यह साल काफी खून-खराबे वाला साबित हुआ. अनुच्छेद 370 (Article 370) हटने के बाद प्रदेश में हालात सुधरने से भन्नाए पाकिस्तान ने माहौल बिगाड़ने (Pakistan has spoiled the atmosphere) के लिए साल भर आतंकी भेजे. इन आतंकियों ने कायरों की तरह कई जगह सुरक्षाबलों पर हमले किए, जिस पर पलटवार करते हुए सुरक्षाबलों ने उन्हें जहन्नुम पहुंचाने में देर नहीं की. सरकार के निर्देश पर सुरक्षाबलों ने अपनी नीति में चेंज करते हुए मारे गए आतंकियों के शवों को परिवारों को सौंपने के बजाय उन्हें घटनास्थल पर ही दफनाना शुरू कर दिया, जिससे भी दहशतगर्दी में काफी कमी आई है.
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 1 जनवरी से लेकर जून अंत तक आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों के 24 से ज्यादा एनकाउंटर हुए, जिसमें कुल 27 आतंकियों को ठिकाना लगा दिया गया. इसके बाद भी रह-रहकर सुरक्षाबलों पर हमले हुए, जिसका सेना के जवानों ने बखूबी जवाब दिया और आतंकियों की कमर तोड़ दी.
मई में राजौरी में बड़ा एनकाउंटर
इस साल 5 मई को राजौरी मके जंगलों में सेना का आतंकियों के साथ बड़ा एनकाउंटर हुआ. आतंकियों की मौजूदगी पर जब सेना ने जंगलों में उनके खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए. जुलाई में भी पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के सिंधारा टॉप इलाके में सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ भिड़ंत हुई, जिसमें सेना ने 4 पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया.
4 अगस्त को कुलगाम में हमला
आतंकियों ने इस साल 4 अगस्त को कुलगाम के हलान जंगल में बने सेना के शिविर पर हमला कया. इस हमले में सेना के 3 जवान बुरी तरह घायल हो गए, जो बाद में इलाज के दौरान शहीद हो गए. इस घटना के 2 दिन बाद सेना ने एलओसी के पास 2 आतंकियों को मार गिराया.
पकड़े गए 6 आतंकी
जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज करते हुए 9 अगस्त को 6 आतंकियों को अरेस्ट किया. इनमें से 3 आतंकी कोकेरनाग और 3 उरी से पकड़े गए.
13 सितंबर को 3 अफसर, 2 जवान शहीद हुए थे
कश्मीर घाटी में इस साल 13 सितंबर को फिर बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें सेना के एक कर्नल, एक मेजर और पुलिस के एक DSP शहीद हो गए. इसके साथ ही 2 जवान भी शहादत का शिकार हुए. ऑपरेशन के दौरान सेना के एक कुत्ते और 2 आतंकियों की भी मौत हुई.
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