उज्जैन। नया वर्ष 2022 उज्जैन के लिए तथा महाकाल मंदिर परिसर के लिए ऐतिहासिक सौगातों वाला होने जा रहा है तथा फरवरी मार्च माह में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर के भव्य परिसर का शुभारंभ करने की योजना है जिसमें प्रधानमंत्री भी आ सकते हैं। अभी महाकाल विस्तारीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है और अंतिम चरण की ओर है। 1 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च हो रहे हैं।
दर्शनार्थियों के लिए इलेक्ट्रिक ऑटो चलेंगे
महाकाल मंदिर परिसर में लोगों को लाने-ले जाने के लिए इलेक्ट्रिक ऑटो चलेंगे और मंदिर से लेकर चारधाम मंदिर तक करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर यह ऑटो चलाए जाएँगे। अधिक उम्र के लोग इसका लाभ ले सकेंगे लेकिन सामान्य लोगों को शुल्क देना होगा। इसके अलावा रूद्रसागर के बीच में से एक रास्ता भी बनाया जा रहा है। पूर्व में इस मार्ग को पुल के रूप में बनाने की योजना थी लेकिन अभी इस पर अंतिम निर्णय होना शेष है।
लाईटिंग शो होगा 3 करोड़ रुपए का
महाकाल मंदिर में दर्शन करने वालों को अब सबसे बड़ा आकर्षण भगवान शिव से जुड़ी भव्य मूर्तियों का लाईट शो होगा जिस पर 3 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं और करीब 20 मिनट का यह शो होगा। कलेक्टर ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार यह लाईटिंग शो होगा।
अब रूद्रसागर का पानी किसी झील की तरह दिखाई देगा
रूद्रसागर में मिलने वाली सभी गंदी सीवरेज लाईनों को बंद किया जा रहा है और इसके लिए कार्य हो रहा है तथा जरूरत पडऩे पर शिप्रा का पानी भी पाईप लाईन द्वारा डालेंगे, इसकी तैयारी हो रही है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि अभी तक रूद्रसागर में गंदा नालों का पानी मिलता था जिससे बदबू आती थी और ईधर कोई जाना पसंद नहीं करते थे।
1 हजार करोड़ रुपए खर्च
पूरे कार्य पर 1 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत भी राशि प्रदान की है तथा राज्य शासन ने महाकाल विस्तारीकरण कार्य पर करीब 700 करोड़ रुपए दिए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में महाकाल परिसर अत्यंत भव्य हो जाएगा। पिछले कई महीनों से विस्तारीकरण कार्य चल रहा था जो दो माह में पूरा हो जाएगा।
महाकाल की इंट्री अब चारधाम मंदिर से रहेगी
आने वाले दिनों में महाकाल मंदिर के दर्शनार्थीचारधा मंदिर की ओर से प्रवेश करेंगे तथा वाहन हरिफाटक ब्रिज से ही रूद्रसागर की ओर टर्न हो जाएँगे। ऐसे में गुदरी बेगमाग क्षेत्र महाकाल घाटी 24 खंबा वाले लॉज वाले चिंतित हैं और उनका धंधा प्रभावित होगा। चारधाम से कोरिडोर होते हुए श्रद्धालु सीधे मंदिर पहुंचेंगे।
मेंटेनेंस के नाम पर बत्ती गुल, लोग परेशान
उज्जैन। बिजली जरा सी देर भी बंद हो जाए तो रोजमर्रा के काम प्रभावित होना तय है। रविवार सुबह प्रगति नगर और राजमोहल्ला के रहवासी बत्ती गुल से परेशान थे, वहीं शहर में आए दिन केबल फॉल्ट होने से बिजली उपभोक्ताओं को बत्ती गुल का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर-दिसंबर और जनवरी 3 महीने ऐसे हैं, जब ओंस की बूंदें बिजली की केबलों के लिए परेशानी बनकर सामने खड़ी रहती हैं। दरअसल बिजली की बड़ी केबलों पर ओंस की बूंदें जमने के बाद इनमें क्रेक हो जाते हैं। इसके बाद कमजोर जगह पर फॉल्ट की स्थिति निर्मित होती है, जिससे अचानक लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ता है। फिर बिजली कर्मचारी फॉल्ट खोजते हैं और दुरुस्त करने के बाद ही सप्लाई नॉर्मल होती है। इस प्रकार के फॉल्ट शहर में अनेक जगह हो रहे हैं। रविवार सुबह प्रगति नगर, राजमोहल्ला क्षेत्र में 8 से 11 बजे के बीच लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ा। सुबह-सुबह अचानक बत्ती गुल से लोग परेशान रहे। बिजली कंपनी का कहना है कि मेंटेनेंस की सूचना वॉट्सऐप के माध्यम से दी जाती है, लेकिन यह सूचना चंद लोगों तक ही पहुंचती है।
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