लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव चुनौती और सम्भावना (2022 election challenge and prospect) दोनों है। यह सामान्य चुनाव नहीं है, भविष्य का भी चुनाव है। इसमें समाज के प्रबुद्ध नागरिकों की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है।
अखिलेश यादव ने समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को चेताया कि भाजपा समाज के लिए खतरनाक है। वह सामंतवादी व्यवस्था की पुनरावृति कर रही है। नफरत फैलाकर समाज के बीच विद्वेष पैदा करने में भाजपा लगी है। धनबल से सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है। भाजपा सरकार में बोलने की आजादी छीनी जा रही है। लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। सत्ता चंद हाथों में केन्द्रित की जा रही है। किसान को उसके खेतों के स्वामित्व से वंचित कर चंद पूंजीघरानों के हाथों में लीज पर सौंपने का षड्यंत्र चल रहा है। किसान को न तो फसल का लाभप्रद मूल्य मिल रहा है, न ही गन्ना किसानों का बकाया भुगतान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा मुख्य मुद्दों से भटकाना जानती है। गरीबों के हितों का उसे ख्याल नहीं। गांवों की उपेक्षा हो रही है। बुनकरों पर महंगी बिजली की मार पड़ रही है। नोटबंदी-जीएसटी ने व्यापार धंधा चौपट कर दिया है। भाषा स्तर पर भी भाजपा का रवैया विभेदकारी है। श्रमिकों के अधिकारों में कटौती की जा रही है। नौजवान बेकारी में जिंदगी काटने को मजबूर है। नौकरी हैं नहीं, कोरोना संकट के बहाने जो हैं वे भी छीनी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी के बड़बोलेपन के बावजूद अपराधी बेखटके अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। महिलाएं एवं बच्चियों का मानसम्मान हर क्षण खतरे में है। कानून व्यवस्था महज मजाक बनकर रह गई है। (एजेंसी, हि.स.)
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