उज्जैन। कोरोना संक्रमण यदि इस साल कम हुआ तो यह साल चुनावी साल बन सकता है क्योंकि पिछले दो वर्षों से कई चुनाव पेंडिंग पड़े हैं। आम जनता से जुड़ी संस्थाएं नगर निगम, कृषि उपज मंडी, जिला पंचायत, सहकारी बैंक सहित कई अन्य संस्थाएं हैं जिनमें पिछले 2 वर्षों से चुनाव नहीं हुए हैं। कोरोना एवं अन्य कारणों के चलते यह चुनाव सरकार ने टाल दिए हैं लेकिन संविधान के अनुसार इसे इन्हें ज्यादा नहीं टाला जा सकता है। इसी के चलते अब माना जा रहा है कि मई से लेकर दिसंबर तक यह सभी चुनाव होने हैं। यदि कोरोना संक्रमण ठीक रहा तो यह वर्ष 2022 पूरा चुनावी वर्ष रहेगा क्योंकि अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए यह सभी चुनाव इस वर्ष में करा लिए जाएंगे। पंचायत चुनाव के परिसीमन की तो तैयारियां हो चुकी हैं लेकिन नगर निगम और अन्य संस्थाओं की चुनाव की तैयारियां अभी नहीं हुई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही निर्वाचन आयोग के निर्देश मिलेंगे वैसे नगर निगम और अन्य चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी जाएगी। पंचायत चुनाव देरी से होंगे, इसको लेकर सरकार ने एक घोषणा पिछले दिनों की जिसमें पंचायतों के अधिकार पूर्व में निर्वाचित सरपंचों और पंचों को दिए हैं। आमजन का कहना है कि इसी प्रकार के अधिकार नगर निगम, नगर पालिका में भी दिए जाएंं क्योंकि बीते 2 वर्ष से अधिकारियों पर पार्षद, महापौर एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का अंकुश नहीं है, इसके चलते शहर में मनमानी का दौर चल रहा है और नगर निगम में काफी अव्यवस्था बनी हुई है। जब पंचायतों को अधिकार दे दिए तो नगर निगम को भी दिए जा सकते हैं।
दो साल से अटके पंचायत चुनाव जून में हो सकते हैं
कोरोना एवं अन्य कारणों के चलते पंचायत चुनाव 2 साल से टल रहे हैं। ऐसे में अब पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में होने की उम्मीद जताई जा रही है। निर्वाचन आयोग द्वारा फिर से तैयारी की जा रही है। मार्च 2020 में प्रदेश के अधिकांश पंचायतों के कार्यकाल खत्म हो गए थे, उस हिसाब से मई 2020 तक चुनाव होने थे लेकिन कोरोना के चलते उस साल चुनाव निरस्त किए गए और बाद में जैसे तैसे वर्ष 2022 में चुनाव की प्रक्रिया भी की गई थी लेकिन ओबीसी आरक्षण के विवाद के चलते चुनाव के फार्म भरा जाने के बाद भी कोर्ट के आदेश पर चुनाव निरस्त किए गए। अब फिर से परिसीमन कराकर चुनाव कराने की बात सरकार ने कही है। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने फिर से चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी हैं। बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने जो कार्यक्रम बनाया है उसके अनुसार मार्च माह तक परिसीमन एवं अन्य की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और अप्रैल माह में पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी होगी। ऐसे में मई-जून में प्रदेश में पंचायत के चुनाव हो सकते हैं।
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