बुधादित्य , रूचक, शशक गजकेसरी एवं गुरु पुष्य योग
नए साल के पहले दिन को लेकर लोगों के मन में यह धारणा रहती है कि शुरुआत शुभ होगी तो साल भी शुभ-लाभ के साथ गुजरेगा, इसलिए लोग साल के पहले दिन कुछ बातों को शगुन के साथ जोडक़र देखते हैं। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार वर्ष के प्रथम दिन यदि आप शुभ शगुन का ध्यान रखेंगे तो आप वर्षभर सुखी-समृद्ध बने हरहेंगे।
नव वर्ष 2021 का आरंभ बहुत बड़े संयोग और गुरु पुष्य योग के साथ-साथ कई बड़े योगों के साथ में हो रहा है। अब तक कोविड-19 का प्रभाव है। इस महामारी का प्रकोप अब तक बना हुआ है। वर्ष 2021 का स्वागत करने के लिए लोग तैयार हैं। वर्ष 2020 को लेकर लोगों की यादें कुछ अच्छी नहीं रही हैं। कोविड-19 के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इस महामारी का भय अभी भी बना हुआ है। आने वाला साल लोगों के लिए अच्छा साबित हो, ज्योतिष गणना के अनुसार नए साल के आरंभ के समय ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी, ये जानते हैं।
पंचांग के अनुसार
31 दिसंबर 2020 रात्रि 12 बजे के बाद 00.00.01 बजे वर्ष 2021 आरंभ होगा। इस दिन मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन चंद्रमा मिथुन राशि और सूर्य धनु राशि में विराजमान रहेंगे। नववर्ष, यानी एक जनवरी 2021 का आरंभ गुरु पुष्य महायोग में होगा।
पुष्य नक्षत्र का महत्व
पौराणिक ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को तिष्य, यानी शुभ मांगलिक तारा कहा गया है। ज्योतिष गणना के अनुसार 31 दिसंबर 2020 को गुरु पुष्य योग बना हुआ है। नववर्ष का शुभारंभ 1 जनवरी को पुष्य नक्षत्र योग में होगा, जो एक शुभ शुभांरभ कहा जा सकता है।
ग्रहों की स्थिति
मकर राशि में गुरु तथा शनि, बुध और सूर्य धनु राशि में होंगे। चंद्रमा अपनी राशि कर्क में तो मंगल अपनी राशि मेष में होंगे, जिससे निम्नलिखित योग बनेंगे। बुधादित्य योग, रूचक योग, शशक योग, गजकेसरी योग तथा शनि और गुरु का नीच भंग राजयोग के साथ-साथ नववर्ष 2021 आरंभ हो रहा है, किंतु पुष्य नक्षत्र में स्वगृही चंद्रमा अपनी राशि कर्क में तो शनि भी अपनी राशि मकर में शनि-चंद्र का समसप्तक योग, विष योग भी बना रहा है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार
पंचांग के अनुसार नववर्ष 2021 का पहला दिन 1 जनवरी पौष मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि में आरंभ हो रहा है, जिसमें नववर्ष का आगमन गुरु पुष्य योग में हो रहा है। पुष्य नक्षत्र का आरंभ 31 दिसंबर 2020 गुरुवार की रात्रि में 7.56 से हो रहा है। पुष्य नक्षत्र की समाप्ति 1 जनवरी 2021 की रात में हो रही है। यह जानकारी पंचांग अनुसार है।
पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के आधार पर पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का सम्राट कहा गया है और यह 27 नक्षत्रों में 8वां नक्षत्र होता है। पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क और कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा होते हैं। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि होते हैं। गुरुवार का दिन पुष्य नक्षत्र के साथ संयोग करता है तो वह गुरु पुष्य योग कहलाता है। 1 जनवरी 2021 का दिन गुरु पुष्य योग एक शुभ संयोग है।
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