मुंबई। वर्ष 2020 पश्चिम रेलवे के लिए कठिनतम चुनौतियों पर विजय का वर्ष रहा है। अप्रत्याशित एवं भयावह कोविड-19 महामारी के फलस्वरूप चुनौतियों के कठिन दौर के बावजूद पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के बहुमूल्य मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में पश्चिम रेलवे ने विपरीत परिस्थितियों में भी न केवल राष्ट्रीय आपूर्ति क्रम को निरंतर बनाए रखा और इस आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को उनके घरों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, नवीन पहल, नेटवर्क क्षमता विकास एवं विस्तार, मालभाड़ा विविधीकरण एवं पारदर्शिता मामलों में भी अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। कोविड-19 महामारी की कठिनतम चुनौतियों के बावजूद वर्ष 2020 को पश्चिम रेलवे के इतिहास में विभिन्न क्षेत्रों में हासिल कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए सदैव याद रखा जाएगा, जिनमें सर्वाधिक विद्युतीकरण, 7.57 मीटर ऊँचाई के कॉन्टैक्ट वायर वाले हाई राइज़ ओ एच ई द्वारा डबल स्टैक कंटेनर फ्रेट ट्रेनें चलाने का विश्व रिकार्ड, ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में 3 राष्ट्रीय पुरस्कार तथा भारतीय रेल पर खेलकूद क्षेत्र में सर्वोच्चता के प्रतीक कौल गोल्ड कप को लगातार 29 वीं बार जीतने का रिकार्ड आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने भावी विकास कार्यों की नींव रखने तथा यात्रियों को आरामदेह यात्रा प्रदान करने के अगले उच्च स्तर की तैयारी करने की दृष्टि से कोविड-19 महामारी की चुनौतियों को एक सुअवसर के तौर पर लिया। माननीय प्रधानमंत्री महोदय के मंत्र ‘सुधार, निष्पादन एवं परिवर्तन’ को अपनाते हुए पश्चिम रेलवे ने अपने परिचालनिक एवं प्रबंधन सम्बंधी सभी क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलाव का आधार बनाया। इस कैलेंडर वर्ष के दौरान पश्चिम रेलवे अपनी लगभग 800 पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन करने में अग्रणी रही है और भारतीय रेल पर पार्सल लदान में इसके द्वारा सर्वोच्च 21 प्रतिशत की भागीदारी दर्ज कराई गई है। ठाकुर ने बताया कि 14 जनवरी 2020 को आलोक कंसल ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक के तौर पर कार्यभार ग्रहण किया। कंसल के ऊर्जावान नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन के अधीन पश्चिम रेलवे कोविड-19 महामारी की कठिन चुनौतियों के बावजूद पूरे वर्ष के दौरान प्रगति के पथ पर अग्रसर रही। कंसल ने किसी भी विपरीत स्थिति का मुकाबला करने के लिए संगठन को सही रास्ता दिखलाया है तथा विभिन्न क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहादुर योद्धाओं की तरह लडऩे हेतु पश्चिम रेलवे के सभी कार्मिकों को बखूबी प्रेरित किया है।
श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन: आपदा में आशा की ट्रेन
कोविड-19 महामारी और उससे संबंधित लॉकडाउन के कारण लाखों श्रमिकों की जिंदगी एवं आजीविका थम सी गई थी। उनमें से बहुत से श्रमिक तुरंत अपने घर और गांव जाना चाहते थे। इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय से आपातकालीन ट्रेन सेवाओं की व्यवस्था के लिए रेल मंत्रालय को आदेश दिया। तदनुसार पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न स्थानों के लिए 1234 श्रमिक विशेष ट्रेनों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। पूरे भारतीय रेलवे पर श्रमिक विशेष ट्रेनों की कुल संख्या में पश्चिम रेलवे का योगदान 25त्न रहा। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों को 26 लाख से अधिक खाने के पैकेट वितरित किए गए। इस अनूठी सामाजिक पहल की काफी सराहना की गई तथा पश्चिम रेलवे की संबंधित टीमों को इसके लिए गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया।
कोविड चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चरल एवं अनुरक्षण परियोजनाओं का कार्य पूर्ण
ठाकुर ने बताया कि कोविड-19 महामारी लॉकडाउन अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे के कार्मिकों ने चुनौतियों का सामना करते हुए एक बार फिर दिखलाया कि वे प्रतिकूल एवं संकट की स्थितियों में भी किस प्रकार अच्छा कार्य निष्पादन कर सकते हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान कम ट्रेनों के परिचालन के कारण यातायात ब्लॉक की उपलब्धता के अवसर का लाभ उठाते हुए अनेक महत्वपूर्ण और लंबे समय से लंबित बड़े पुलों एवं ट्रैक कार्यों को पूर्ण किया गया। इन कार्यों का संरक्षण और परिचालन क्षमता की दृष्टि से काफी महत्व था। इनमें से कुछ कार्य अनेक वर्षो से लंबित थे क्योंकि यातायात के उच्च घनत्व के कारण सामान्य ट्रेन संचालन की स्थिति में पर्याप्त यातायात ब्लॉक को उपलब्ध नहीं कराया जा सकता था। इस वर्ष के दौरान पश्चिम रेलवे पर 20 पैदल ऊपरी पुल, 16 सड़क ऊपरी पुलों और 64 सड़क निचले पुलों / सबवे का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार इस कैलेंडर वर्ष में पश्चिम रेलवे पर 10 लिफ्ट एवं 9 एस्केलेटर भी शुरू किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष में मुंबई उपनगरीय खंड पर 14 नए पैदल ऊपरी पुल और एक स्काईवॉक का निर्माण किया गया है। इस वक्त पश्चिम रेलवे पर एक 11 गति प्रतिबंधों को हटा लिया गया है जबकि 10 खंडों में गति को बढ़ाया गया है। गतिशीलता में वृद्धि की दृष्टि से मुंबई दिल्ली खंड पर सेक्शनल गति को 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाया गया है तथा 160 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। बांद्रा- खार सेक्शन में 28 वर्ष पुराने अस्थाई गति प्रतिबंध को समाप्त करने से संरक्षा में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है।
वर्ष 2020 के दौरान 12 निर्माण परियोजनाएं पूरी
कनेक्टिविटी और गति में वृद्धि की दृष्टि से वर्ष 2020 में विभिन्न खंडों पर कुल 156.68 किलोमीटर लम्बाई वाली परियोजनाओं को पूरा किया गया है। इन परियोजनाओं में 9 दोहरीकरण, 2 गेज परिवर्तन और एक नई लाइन परियोजना शामिल हैं। इन दोहरीकरण परियोजनाओं में से अनेक परियोजना?ं पश्चिम रेलवे के उच्चतम यूटिलाइज़्ड नेटवर्क पर शुरू की गई हैं।
7.57 मीटर ऊँचाई के कॉन्ट्रेक्ट वायर वाले हाई राईज ओ एच ई से डबल स्टैक कंटेनर मालगाडिय़ों को चलाने का विश्व रिकॉर्ड
पश्चिम रेलवे ने 10 जनवरी, 2020 को 7.57 मीटर ऊँचाई वाले विश्व में सबसे ऊँचे कॉन्टेक्ट वायर वाले हाई राईज ओ एच ई पर पालनपुर से बोटाड तक पहली इलेक्ट्रिक गुड्स ट्रेन ‘डबल स्टैक कंटेनर’ चलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। उल्लेखनीय है कि इसी उपलब्धि के साथ पश्चिम रेलवे के राजकोट और भावनगर मंडलों पर विद्युत कर्षण शुरू किया गया, जो इससे पहले गैर विद्युतीकृत मंडल थे। भारतीय रेल पर 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मिशन के तहत विद्युतीकृत क्षेत्र में डबल स्टैक कंटेनरों को सफलतापूर्वक चलाकर पश्चिम रेलवे ने सभी जोनल रेलवे में प्रथम होने का गौरव प्राप्त किया।
पुश-पुल ऑपरेशन की परियोजना के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार
वडोदरा स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड ने पुश-पुल ऑपरेशन परियोजना के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा घोषित राष्ट्रीय स्तर का रजत पुरस्कार जीतकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
भारतीय रेलवे में उच्चतम विद्युतीकरण हासिल कर ऊर्जा संरक्षण के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा जीते गये तीन राष्ट्रीय पुरस्कार
पश्चिम रेलवे स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न ऊर्जा संरक्षण उपायों का अनुसरण कर रहा है. इन प्रयासों के फलस्वरुप पश्चिम रेलवे ने ऊर्जा मंत्रालय के ‘ब्यूरो ऑफ एफिशिएंसी’ विभाग द्वारा स्थापित ‘परिवहन और भवन सरकारी कार्यालय’ की कोटि में वर्ष 2020 के लिए तीन प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्राप्त किये। पश्चिम रेलवे ने परिवहन कोटि में प्रथम पुरस्कार के साथ-साथ भवनों की कोटि में क्रमश: भावनगर और राजकोट मंडल रेल प्रबंधक कार्यालयों हेतु प्रथम और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किए। विभिन्न रेलवे स्टेशनों, कार्यालय और सेवा भवनों में 8.67 एम डब्ल्यू पी क्षमता की रुफ टॉप सोलर प्लांट उपलब्ध कराए गए हैं। इन प्लांटों से 5.47 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न हुई है, जिसके फलस्वरुप प्रति वर्ष कुल 2.25 करोड़ रुपए की बचत हुई। सभी स्टेशनों, रेल भवनों और आवासीय क्वाटरों में ऊर्जा एफिशियंट एल ई डी लाइटें लगाई गई हैं जिसके परिणामस्वरुप प्रति वर्ष लगभग 12 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। पश्चिम रेलवे हैड ऑन जनरेशन के साथ 67 नियमित ट्रेनें चला रही है और कोचों को बिजली की आपूर्ति के लिए डीजल जेनरेटर सेट का उपयोग बंद कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 50 करोड़ रु. की बचत हुई है। तीन- चरण प्रौद्योगिकी शुरू करने और ड्राइविंग तकनीक में सुधार से एस ई सी में 15 प्रतिशत सुधार में मदद मिली है और प्रति वर्ष लगभग 15 करोड़ रुपए की बचत हुई है.
विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ तक रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार डभोई – केवडिय़ा रेलवे लाइन
केवडिय़ा में राष्ट्रीय स्मारक ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ को रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डभोई-केवडिय़ा रेलवे लाइन की महत्वपूर्ण रेल परियोजना को शीघ्र ही पूरा करने की योजना है। नया केवडिय़ा रेलवे स्टेशन, केवडिय़ा में स्थित लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की विश्व में सबसे ऊॅंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ तक पहुंचने के लिए विश्व भर के पर्यटकों को रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
पटरी पार करने की सामाजिक बुराई पर पश्चिम रेलवे का नियंत्रण
पटरियों पार करने की समस्या को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय सेक्शन में पटरियों को पार करने वाले व्यक्तियों के कारण होने वाले चोट के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। इस बारे में जागरूकता के लिए सेलिब्रिटीज के संदेश प्रसारित किए जाते हैं, ताकि लोगों को पटरी पार करने से रोका जा सके। पश्चिम रेलवे ने इस बुराई को रोकने के लिए Ó यमराज नामक एक अनूठा अभियान शुरु किया है, जिसका उद्देश्य पटरी पार करने वालों के बीच मनोवैज्ञानिक भय की भावना पैदा करना है।
पश्चिम रेलवे 800 विशेष पार्सल गाडिय़ों द्वारा अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के मामले में भारतीय रेलवे पर पार्सल लदान में सर्वोच्च 21 प्रतिशत शेयर के साथ अग्रणी
यात्री गाडिय़ों के ठहराव के बावजूद पश्चिम रेलवे ने पार्सल विशेष गाडिय़ों तथा माल गाडिय़ों के नियमित परिचालन द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री के परिवहन को सुनिश्चित करके राष्ट्र के प्रति सामाजिक दायित्व को पूरा किया. पश्चिम रेलवे पर 58 मिलियन टन से अधिक माल का लदान किया गया, जो पिछले वर्ष के लदान की तुलना में केवल 2 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 100 करोड़ रु. से अधिक का कुल राजस्व अर्जित किया गया। पश्चिम रेलवे के लिए यह गर्व का विषय है कि उसका भारतीय रेलवे के कुल पार्सल लदान और राजस्व में 21 प्रतिशत का योगदान है। पश्चिम रेलवे द्वारा पालनपुर से हिंद टर्मिनल तक 141 मिल्क स्पेशल गाडिय़ों द्वारा 10 करोड़ लीटर दूध के परिवहन का रिकॉर्ड बनाया गया है। पश्चिम रेलवे ने मालगाडिय़ों की गति को लगभग दुगूनी गति से चलाकर विशिष्ट उपलब्धि को भी हासिल किया है। पश्चिम रेलवे द्वारा उत्पादों को तेजी तथा किफायती दरों पर पहुँचाने हेतु किसान रेल चलाई गई। अभी तक पश्चिम रेलवे द्वारा 11 किसान रेलगाडिय़ां चलाई जा चुकी हैं।
माल यातायात की वृद्धि हेतु मल्टी डिसिप्लिनरी बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स ( बीडीयू ) का गठन
माल के परिवहन में ग्राहकों की सुविधा तथा यातायात की संभावनाओं की वृद्धि हेतु पश्चिम रेलवे ने अपने सभी मंडलों तथा प्रधान कार्यालय पर मल्टी डिसिप्लिनरी बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स की स्थापना की है। सामानों को गाडिय़ों से परिवहन के लाभ की जानकारी देने तथा नये मार्केट की संभावनाओं को तलाशने हेतु अपने मालग्राहकों के साथ ये बी डी यू बैठकों का आयोजन करती है। उल्लेखनीय है कि बी डी यू के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप प्याज और कपड़ों का अंतरराष्ट्रीय – सीमाओं के पार व्यापार करना संभव हो सका। देश के विभिन्न भागों में कपड़ा, डाई और केमिकल्स रंग के अतिरिक्त गुजरात से बांग्लादेश को विशेष गाडिय़ों में प्याज भेजकर पश्चिम रेलवे ने माल ढुलाई की एक नई विविधता प्राप्त की। इंडस्ट्रियल-साल्ट, रॉक, फॉस्फेट, गैलवेनाइज्ड बॉक्स और टाइल्स जैसी नई सामग्रियों के परिवहन की प्रमुखता इसमें शामिल है। पश्चिम रेलवे कोयला लदान के पुनरुत्थान का भी साक्षी रही।
वडोदरा और भुज में ऑटोमेटिक कोच वांशिंग प्लांट
समय, जल और मैनपॉवर की बचत हेतु वडोदरा और भुज में ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट की स्थापना की गई है। आधुनिक वॉशिंग प्लांट में केवल 10 मिनट में पूरी गाड़ी की धुलाई पूरी हो जाती है।
पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल- एक समर्पित कोविड अस्पताल
इस वर्ष के दौरान रेल मंत्रालय द्वारा पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल स्थित जगजीवन राम अस्पताल को एक समर्पित कोविड अस्पताल घोषित किया गया। जगजीवन राम अस्पताल ने इस कठिन चुनौती को स्वीकार किया और इसे पूरी तरह कोविड अस्पताल में बदल दिया गया। अस्पताल के बुनियादी ढांचे में कोविड प्रोटोकॉल की आवश्यकतानुसार बदलाव किया गया। इसके अतिरिक्त पश्चिम रेलवे के कुछ मंडलों के अस्पतालों ने कोविड-19 के रोगियों के इलाज हेतु उचित व्यवस्था की। अब तक लगभग 4 हजार रेलवे तथा गैर रेलवे कोविड-19 रोगियों का सफल इलाज पूरी पश्चिम रेलवे पर सुनिश्चित किया गया है। पिछले 9 महीनों में जगजीवन राम अस्पताल का रिकवरी रेट उत्कृष्ट रहा है। आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा का अनुसरण करते हुए कोविड-19 से लड़ाई जारी रखने पश्चिम रेलवे के कारखानों तथा विभिन्न मंडलों ने इन-हाउस पी पी टी किट, 1.63 लाख से अधिक फेस मास्क और 52 हजार लीटर सेनिटाइजर का उत्पादन किया गया।
पश्चिम रेलवे पर उपनगरीय सेवाएं और विशेष ट्रेनें
महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर पश्चिम रेलवे द्वारा 15 जून, 2020 से विशेष उपनगरीय सेवाएं शुरू की गई। धीरे-धीरे आवश्यक कर्मचारियों की विविध कोटियों के लिए उपलब्ध कराई जा रही थीं। ये सेवाएं दिनांक 2 नवंबर, 2020 से बढाकर 1201 कर दी गई हैं, जो लॉकडाउन के पहले की कुल सेवाओं की लगभग 90त्न है। त्योहार के सीजन को ध्यान में रखते हुए पश्चिम रेलवे द्वारा देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के लिए विभिन्न त्योहार विशेष ट्रेनें चला रही हैं। इनके अतिरिक्त कई लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस और राजधानी प्रकार की ट्रेनें विशेष ट्रेनों के रूप में चलाई जा रही हैं। इस प्रकार पश्चिम रेलवे द्वारा वर्तमान में कुल 116 ट्रेनें परिचालित की जा रही हैं, जिनमें 82 नियमित विशेष ट्रेनें तथा 34 त्यौहार विशेष ट्रेनें शामिल है।
पश्चिम रेलवे पर डिजिटलीकरण
पश्चिम रेलवे पर डिजिटलीकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। पश्चिम रेलवे प्रधान कार्यालय और समस्त मंडलों को ई- ऑफिस से जोड़ दिया गया है और पश्चिम रेलवे पूरे भारतीय रेल पर ई-ऑफिस के क्रियान्वयन में अग्रणी रही है। विभिन्न स्तरों पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप पारदर्शिता में सुधार हुआ है और डिलीवरी भी तेजी से हुई है। इसके अतिरिक्त पश्चिम रेलवे पर पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 298 स्टेशनों तथा चालू वित्तीय वर्ष में कुल 17 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही पश्चिम रेलवे एचआरएमएस ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम के लिए ई-सर्विस रिकॉर्ड और कर्मचारी मास्टर डाटा को पूरा करने में अग्रणी जोनल रेलवे बन गई है। ई-पास और ऑफिस ऑर्डर मॉड्यूल को भी पश्चिम रेलवे पर क्रियान्वित कर दिया गया है।
विभिन्न प्रौद्योगिकी उन्नयन और पहलों के साथ यात्री सुरक्षा पर पश्चिम रेलवे का विशेष जोर
पश्चिम रेलवे द्वारा अपने यात्रियों की पूर्णरूपेण सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी के भरपूर उपयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा अपनाए गए कुछ विशिष्ट उन्नति संबंधी पहल इस प्रकार हैं- ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग ,बायोमेट्रिक टोकन मशीनें, क्यूआर कोड आधारित की पास सिस्टम प्लेटफॉर्मो पर सेगवे आदि। हाल ही में मुंबई सेंट्रल मंडल के रेलवे सुरक्षा बल द्वारा एक अन्य महत्वपूर्ण प्रगति के तौर पर ह्नह्म्-ष्शस्रद्ग आधारित की पेट्रोलिंग एवं बीट मैनेजमेंट सिस्टम की भी शुरुआत की गई है, जिससे समस्त रेलवे स्टेशनों और प्रमुख संवेदनशील स्थानों की निगरानी की जा सकेगी। पूरी भारतीय रेल पर शुरू की गई यह पहली और अनूठी प्रणाली है। साइबर अपराधों की घटनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए जोनल स्तर पर एक विशेष साइबर सेल की स्थापना की गई है, जो साइबर जांच पड़ताल और अपराधियों का पता लगाने में विशेषज्ञता के साथ सभी मंडलों को सहायता प्रदान करेगा। आरंभिक स्टेशनों से गंतव्य स्टेशन तक महिला यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए पश्चिम रेलवे की चार ट्रेनों में ‘मेरी सहेली’ अभियान की शुरुआत की गई है। मुंबई सेंट्रल मंडल के चर्चगेट और विरार स्टेशनों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस वीडियो एनालिसिस क्षमता और मशीन लर्निंग से युक्त 2600 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा सीसीटीवी फुटेज की सहायता से चोरी डकैती और छेड़छाड़ जैसे जघन्य अपराधों के साथ ही वर्ष 2020 के दौरान अब तक कुल 21 मामलों का पता लगाया जा चुका है। अत्याधुनिक सीसीटीवी सिस्टम के जरिए रेलवे सुरक्षा बल को ना केवल अपराधों को रोकने और उनका पता लगाने में सहायता मिलेगी बल्कि आग, अत्यधिक भीड़ भाड़, कचरे की समस्या आदि जैसी आकस्मिक घटनाओं का सक्रियता से पता लगाने उन पर नियंत्रण करने तथा उनका समाधान करने में भी सुविधा होगी।
स्वच्छता के साथ-साथ सौंदर्यीकरण
स्वच्छता के साथ सुंदरता को जोडऩे की संकल्पना से पश्चिम रेलवे के अधिकांश स्टेशनों को आकर्षक कलाकृतियों तथा चित्रकारियों से सजाया गया है। साथ ही प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण किया गया है। स्वच्छता से संबंधित जागरूकता लाने हेतु एक लघु फिल्म का निर्माण भी पश्चिम रेलवे द्वारा किया गया है। ‘आदत बदलो -भारत बदलो’ नामक इस फिल्म द्वारा हमें अपने दैनिक जीवन में सकारात्मक व्यवहार संबंधी परिवर्तन लाने की प्रेरणा मिलती है।
पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन (डब्ल्यूआरडब्ल्यूडब्ल्यूओ) द्वारा जरूरतमंदों की मदद
पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन अपनी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कर्मचारी कल्याण एवं समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। संकट की घड़ी में इस संगठन ने कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों की सदैव सहायता की है। पश्चिम रेलवे परिवार की नारी शक्ति के डिजिटल सशक्तिकरण के अंतर्गत संगठन की अध्यक्ष श्रीमती तनुजा कंसल द्वारा कई वेबिनार आयोजित किए गए, जिनमें उन्होंने सभी मंडलों एवं प्रधान कार्यालय की महिला कर्मियों के साथ संवाद स्थापित किया। लॉकडाउन के दौरान उत्कृष्ट सेवाभाव प्रदर्शित करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित करने एवं उनकी हौसला अफजाई हेतु संगठन द्वारा 38 कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। संगठन द्वारा जगजीवन राम अस्पताल के 250 पैरामेडिकल स्टाफ को स्टील थर्मस तथा 432 ट्रैक मेंटनरों को छतरियां उपलब्ध कराई गईं। इसके अतिरिक्त, संगठन द्वारा आरपीएफ बैरक में डीप फ्रीजर की भी व्यवस्था की गई। पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन द्वारा मरीजों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा हेतु जगजीवन राम अस्पताल में वाटर प्यूरीफायर, इंडक्शन प्लेट एवं बरतन तथा गर्म / ठंडे जल के प्रावधान वाले वाटर डिस्पेंसर भी भेंट किए गए। इसके अलावा, संगठन द्वारा एंबुलेंस, सिलाई मशीनें, वाशिंग मशीनें एवं अन्य उपयोगी उपकरण भी भेंट किए गए हैं।
प्रगति के पथ पर अग्रसर
पश्चिम रेलवे तीव्र गति से कार्य करते हुए पश्चिम भारत की विकास यात्रा का इंजन बनने के लिए सदैव तत्पर रहती है। पिछले संपूर्ण वर्ष के दौरान पश्चिम रेलवे ने प्रणालियों, प्रक्रियाओं एवं आधारभूत संरचनाओं के आधुनिकीकरण में कठिन परिश्रम किया है। नये भारत की बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पश्चिम रेलवे एक कुशल, संपोषणीय, लागत प्रभावी, समयनिष्ठ तथा यात्री एवं माल सेवा के एक आधुनिक वाहक और सेवाप्रदाता के रूप में उच्च मानकों को प्राप्त करने हेतु अपने प्रयासों को निरंतर सुनिश्चित कर रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved