नई दिल्ली। साल 2021 (Year 2021) के दौरान जल-मौसम संबंधी आपदाओं (Hydro-Meteorological Disasters) के कारण कम से कम 2002 लोगों (2002 people) की जान चली गई (Killed), जिनमें से अधिकतम 489 मामले (489 cases) महाराष्ट्र (Maharashtra) में हैं। ये जानकारी केंद्र ने राज्यसभा को दी।जल-मौसम विज्ञान संबंधी घटनाओं का मतलब है प्राकृतिक खतरे जैसे चक्रवाती तूफान/भारी बारिश/बाढ़/भूस्खलन आदि।
जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने 25 नवंबर तक राज्यवार विवरण (अंतिम डेटा) देते हुए राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, अन्य राज्यों में हिमाचल प्रदेश में (298), गुजरात और उत्तर प्रदेश में (162), कर्नाटक (144), केरल (138), मध्य प्रदेश (127), उत्तराखंड (107) और पश्चिम बंगाल (65) मौतें हुई हैं।
टुडू ने बताया कि बाढ़ प्रबंधन के संरचनात्मक उपायों को मजबूत करने के लिए, मंत्रालय ने बाढ़ प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण, कटाव विरोधी, जल निकासी विकास, समुद्र विरोधी कटाव, आदि से संबंधित कार्यो के लिए राज्यों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए एक बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) शुरू किया है।
ये बाद में 2017-18 से ‘बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम’ (एफएमबीएपी) के एक घटक के रूप में जारी रहे और दिसंबर 2021 तक बढ़ाए गए।
मंत्री ने कहा, “अब तक, इस कार्यक्रम के तहत केंद्र शासित प्रदेशों/राज्य सरकारों को 6,447.76 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है। इस कार्यक्रम के तहत पूरी की गई 415 परियोजनाओं ने लगभग 4.994 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान की है और लगभग 52.21 मिलियन की आबादी की रक्षा की है।”
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