कजाकिस्तान. धरती पर सदियों से तमाम सभ्यताएं (Civilisations) पनपीं. कुछ लंबे वक्त तक रहीं, और कई कम समय में ही अलग-अलग कारणों से लुप्त (extinct) हो गईं. इनके बारे में अक्सर हमें जानकारी तब मिलती है, जब जमीन (land) की खुदाई (Excavation) होती है. पुरातत्वविदों (Archaeologists) को दक्षिणी कजाकिस्तान के तुर्किस्तान क्षेत्र में ऐसा ही एक खजाना मिला है. यहां खुदाई के दौरान 2000 साल पुराने सोने के जेवर मिले हैं. पुरातत्वविद इसे बहुमूल्य बता रहे हैं.
कजाकिस्तान की ओजबेकाली झानिबेकोव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने ओरदाबासिंस्की जिले में तीन दफन टीलों की खोज की. इनमें दो टीलों को प्राचीन काल में ही लूट लिया गया था. लेकिन तीसरा टीला सुरक्षित था. जब पुरातत्वविदों ने इसकी खुदाई शुरू की, तो अंदर तमाम सोने के जेवर मिले. इनमें रोमन शैली का ब्रोच जिसे फिबुला कहा जाता है. बड़े और छोटे मोती. दो सोने की बालियां, एक कांस्य दर्पण, मिट्टी का जग, एक बेल्ट की बकल और सिरा शामिल था.
फिरोजा और माणिक जड़े हुए झुमके मिले
पुरातत्वविदों ने कहा, ऐसा लगता है कि सारा सामान पहली शताब्दी ईसा पूर्व का है. झुमके काफी डिजाइनर हैं. इन्हें पॉलीक्रोमैटिक सोने के रूप में जाने जाने वाले रंगीन मिश्र धातु से बनाया गया है. इनमें फिरोजा और माणिक जड़े हुए हैं. यह अर्धचंद्राकार है, जो चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है. नीचे अंगूरों के गुच्छे जैसे सोने के बटन लगे हुए हैं, जो सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. शोध टीम का नेतृत्व करने वाले अलेक्जेंडर पोदुश्किन ने कहा कि ये कलाकृतियां कांगजू शासनकाल में बनाई गई थीं. जिसने पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईस्वी के बीच इस क्षेत्र पर शासन किया था. यह कुछ समय के लिए ही सत्ता में थी.
धनी और प्रभावशाली महिला थी दफन
एक्सपर्ट के मुताबिक, ये कलाकृतियां तब की हैं, जब रोम के कांगजू शासन और प्राचीन चीन व दक्षिण में कुषाण साम्राज्य के साथ व्यापार होता था. इसीलिए बालियों को बनाने की शैली गोलाकार थी. इसमें बीच में धागे के लिए एक छेद भी किया गया था. इससे इस बात के सबूत भी मिले हैं कि कांस्य दर्पण की उत्पत्ति चीन में हान राजवंश के शासनकाल में हुई. इस राजवंश ने 206 ईसा पूर्व से 220 ईस्वी तक शासन किया था. इस तरह की वस्तुएं पूरे यूरेशिया में अत्यधिक मूल्यवान थीं. अफगानिस्तान और दक्षिणी यूराल क्षेत्र में भी इसी तरह के दर्पण पाए गए हैं – और यह इस बात का संकेत था कि जिस महिला के पास इसे दफनाया गया था, वह धनी और प्रभावशाली थी.
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