उज्जैन। पिछले साल कोरोना कफ्र्यू के चलते शहर के बाजारों से लेकर चप्पा-चप्पा बंद रहा और और इसका असर कचरे पर भी पड़ा था लेकिन अब ट्रेंचिंग ग्राउंड में 50 टन सूखा कचरा और 150 टन गीला कचरा प्रतिदिन पहुंच रहा है। निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर वार्डों से आ रही मोहल्ला गाडिय़ों में भी कचरे लाने ले जाने के लिए फेरों की संख्या भी बढ़ गई है लेकिन अब कचरा गाडिय़ों की हालत जर्जर हो चुकी है। नगर निगम ने शहरभर के वार्डों से कचरा बंटोरने के लिए 86 से ज्यादा गाडिय़ां अलग-अलग वार्डों में तैनात की है और यह गाडिय़ां एक निर्धारित समय में वार्डों में पहुंचकर घर-घर से कचरा लेती है, वहीं बड़े संस्थानों से कचरा बंटोरने के लिए बल्क वाहन भेजे जाते हैं, ताकि वहां से कचरा सीधे ट्रांसफर स्टेशनों तक भेजा जा सके।
अधिकारियों के मुताबिक एक माह पहले तक ट्रेंचिंग ग्राउंड में 218 से 220 टन गीला व सूखा कचरा पहुंच रहा है, जिसकी प्रोसेसिंग के लिए वहां अलग-अलग प्लांट लगे हुए हैं। गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बड़े पैमाने पर रैगपीकर्स की टीमें लगाई गई है, ताकि वे कचरा छंटाई से लेकर प्रोसेसिंग प्लांट के कार्य में हाथ बंटा सके। वार्डों से कचरा इकट्ठा करने के लिए निगम ने करीब 5 से ज्यादा स्थानों पर कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए हैं, जहां वार्डों से आई गाडिय़ां खाली होती है, फिर उन्हें बड़े वाहनों में अलग-अलग गीला-सूखा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जाता है। उल्लेखनीय है कि कचरा कलेक्शन वाहनों के साथ-साथ ट्रेक्टर ट्राली और बड़े डम्पर भी पुराने होने के कारण आधे से अधिक भंगार हो गए हैं। ट्रांसफर स्टेशन पर कचरा ले जाने वाले बड़े वाहन सड़कों पर ही ट्राले का ढक्कन नहीं होने के कारण कचरा बिखेरते चलते हैं।
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