उज्जैन। भैरवगढ़ जेल में कोरोना पहुँचने के बाद से जेल और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। अधिकारी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। अन्य कैदियों में संक्रमण न फैलें इस पर भी विचार चल रहा है। कल कलेक्टर भी जेल का दौरा करने गए थे। जेल और प्रशासन के अधिकारियों को इस बात की चिंता है कि संक्रमित कैदियों के संपर्क में आए कैदियों को कोरोन्टाईन भी किया जा सके और वह स्थान जेल के नजदीक भी हो।
उल्लेखनीय है कि बीते 5 दिनों में अचानक केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ की दिनचर्या में बदलाव आ गया है। इसके पीछे वजह यह है कि यहाँ लगातार तीन दिन में 8 कैदी कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं। जेल का एक प्रहरी भी इसकी चपेट में आ गया था। हालांकि जेल में कोरोना का पहला पॉजीटिव केस आने के बाद से ही हलचल तेज हो गई थी और जेलर अलका सोनकर सहित स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारी इस प्रयास में जुट गए थे कि जो कैदी पॉजीटिव आए हैं उनके संपर्क में दूसरे कौन से कैदी आए होंगे। पिछले 4 दिनों में लगातार कैदियों के स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग करवाई गई। इसके बाद परिणाम यह निकला कि जेल के लगभग 200 कैदी ऐसे संदिग्ध हैं जो पॉजीटिव हुए कैदियों के संपर्क में आए थे। अगर इतनी बड़ी तादाद में संदिग्ध कैदियों को जेल में रखा जाए तो इनमें से कोई भी कैदी जेल में कोरोना विस्फोट की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। क्योंकि भैरवगढ़ जेल में अभी भी लगभग 2200 कैदी मौजूद हैं। इधर कल दोपहर में कलेक्टर आशीष सिंह भी जेल का दौरा करने पहुँच गए थे। यहाँ उन्होंने कैदियों से हालचाल तो पूछे ही साथ ही इस बात की भी जानकारी ली कि कितने ऐसे कैदी हैं जो पॉजीटिव मरीजों के संपर्क में रहे हैं। कलेक्टर के सामने जब यह आंकड़ा रखा गया कि ऐसे कैदियों की संख्या लगभग 200 है तो उन्होंने भी इसके लिए अधीनस्थ अधिकारियों से कहा कि सभी संदिग्ध कैदियों को अलग से कोरोन्टाईन किया जाए। साथ ही ऐसा स्थान चुना जाए जो जेल के नजदीक हो। अधिकारियों की टीम ने कलेक्टर के निर्देश के बाद आसपास के ऐसे भवनों का निरीक्षण भी किया जहाँ इतने सारे कैदियों को कोरोन्टाईन करने के साथ-साथ इन पर नजर भी रखी जा सके।
उज्जैन। नगर निगम द्वारा इस बार जहाँ एक ओर पुराने शहर में राखी की दुकानों की संख्या में कोरोना खतरे को देखते हुए कमी की गई है, वहीं फ्रीगंज क्षेत्र में सोश्यल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए दुकानों का क्षेत्र बढ़ाया गया है। कुछ दुकानों को मुख्य मार्ग के अलावा गलियों में भी दूर-दूर लगाया जा रहा है। रक्षाबंधन का पर्व 3 अगस्त को आ रहा है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियात बरतने को कहा है। नगर निगम हालांकि रक्षाबंधन को देखते हुए हर साल की तरह इस बार भी नए व पुराने शहर में अलग-अलग दुकानें लगवा रहा है। छत्रीचौक में पिछले साल पुराने नगर निगम भवन परिसर में 101 दुकानें बनाई गई थी, जिन्हें सोश्यल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए घटाकर 24 किया गया है। हालांकि फ्रीगंज क्षेत्र में इस बार भी 142 दुकानें बनाई जा रही है। यह पुरानी सब्जी मंडी में हर साल लगती हैं। इस बार कोरोना का खतरा है और दुकानों के बीच 6-6 फीट दूरी रखी जा रही है। मेन रोड पर दुकानों की जगह कम पड़ गई है। इस वजह से पुरानी सब्जी मंडी के आसपास की गलियों में सोश्यल डिस्टेंस का ध्यान रखकर दुकानें बनाई जा रही है।
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