डेस्क: ब्रिटेन में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ओमिक्रॉन संक्रमण में तेजी के कारण अस्पतालों की स्थिति काफी खराब है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है. वहीं, अब लंदन के अस्पतालों में एनएचएस कर्मचारियों की भर्ती के लिए सैकड़ों सैनिकों को भेजा जा रहा है, क्योंकि एनएचएस के कई कर्मचारी ओमिक्रॉन की चपेट में हैं.
ब्रिटेन सरकार से इसकी घोषणा गुरुवार रात को की थी. एनएचएस ट्रस्टों द्वारा जिन 200 सैनिकों की तैनाती का अनुरोध किया गया था, उनमें 40 चिकित्सक शामिल हैं, जो वार्ड में मरीजों की देखभाल में सीधे मदद करेंगे. बाकी चिकित्सा और सामान्य स्वास्थ्य जांच करने में सहायता करेंगे. 200 सैन्य कर्मियों को पांच की 40 टीमों में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में एक दवा और चार सैनिक शामिल होंगे जो डॉक्टरों और नर्सों को उपयुक्त समझेंगे. सैनिकों से कहा गया है कि वे कम से कम तीन सप्ताह तक अस्पतालों में काम करेंगे.
बता दें कि सैनिकों को आखिरी बार 2021 की शुरुआत में अस्पताल के वार्डों में तैनात किया गया था. गुरुवार की रात रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बलों के पुरुष और महिलाएं एक बार फिर एनएचएस में अपने समर्पित सहयोगियों का समर्थन करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने इस महामारी के दौरान बार-बार अपनी योग्यता दिखाई है, चाहे एम्बुलेंस चलाना, टीके लगाना या रोगियों का समर्थन करना और उन्हें इस वास्तविक राष्ट्रीय प्रयास में अपने योगदान पर गर्व होना चाहिए.’
कोरोना के साथ हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई
बीते दिनों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि कोरोना के साथ हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है. अगर कोई सोचता है कि कोरोना के साथ हमारी लड़ाई खत्म हो गई है तो ये तो गलतफहमी है. ये बहुत अधिक सावधानी बरतने का समय है. उन्होंने कहा कि लोग बूस्टर डोज और टीकाकरण ले रहे हैं. परिवहन नेटवर्क में स्टाफ की कमी से दिक्कतें आ रही है जिससे यात्रियों को सार्वजनिक अवकाश के बाद काम पर लौटने के लिए लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि आज यानी छह जनवरी को संक्रमण के 1,79, 731 नए मामले सामने आए हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved