नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकी (Terrorist) एक बार फिर दहशत फैलाने की तैयारी में हैं. खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग (Target Killing) के लिए 200 लोगों की सूची तैयार की है. इस लिस्ट में मुखबिर, खुफिया एजेंसी के लोग, केंद्र सरकार और सेना के करीबी माने जाने वाले मीडियाकर्मी, घाटी के बाहर के लोगों और कश्मीरी पंडितों के नाम उनके गाड़ी नंबर के साथ शामिल हैं.
रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि 21 सितंबर को पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में आतंकी तंजीमों की एक बैठक हुई थी. बैठक में जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और अल बदर समेत कई आतंकी संगठनों के आतंकी शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि सारी तंजीमों के लोगों को मिलाकर एक नई आतंकी तंज़ीम बनाई जाएगी. जो सिर्फ मुखबिरों, ख़ुफ़िया एजेंसी के लोगों, घाटी के बाहर के लोगों और आरएसएस और बीजेपी के लोगों को टारगेट करेगी.
रिपोर्ट के अनुसार बैठक में तय हुआ है कि आने वाले वक्त में यही तंज़ीम घाटी में टारगेटेड किलिंग्स की जिम्मेदारी लेगी. इस मकसद के लिए उरी और तंगधार के रास्ते सरहद पार से ग्रेनेड और पिस्टल भेजे जा रहे हैं. रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा होता है कि 5 अक्टूबर को स्ट्रीट वेंडर वीरेंद्र पासवान की हत्या पहचान में गलती होने का केस हो सकता है.
दरअसल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के जबरदस्त ऑपरेशन ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है. अलग-अलग आतंकी संगठनों के बड़े कमांडर लगातार मारे जा रहे हैं. ऐसे में बौखलाए आतंकियों ने निर्दोष और निहत्थे लोगों को सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का मुखबिर करार देकर उनकी हत्या करना शुरू कर दिया है. वो भी एक खास समुदाय के लोगों को. इसके पीछे आतंकियों का मकसद लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर घाटी में अशांति और हिंसा फैलाना है.
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