इंदौर। फ्लायओवरों के साथ इंदौर विकास प्राधिकरण, मास्टर प्लान और प्रमुख मेजर रोड यानी एमआर भी बनवा रहा है। इसी कड़ी में एबी रोड देवास नाका को बायपास से जोडऩे वाली 200 फीट चौड़ी एमआर-11 भी निर्मित की जाना है, जिसके लिए लगभग 46 करोड़ रुपए की राशि का टेंडर भी जारी कर दिया है। पूर्व में शासन ने इस रोड को बनाने के लिए राशि देने की बात भी विधानसभा चुनाव से पहले कही थी। मगर अभी तक प्राधिकरण को इसकी मंजूरी नहीं मिली। लिहाजा अब अपने ही खर्च से इस महत्वपूर्ण लिंक रोड को बनाने का निर्णय लिया है। इसका दूसरा हिस्सा टीपीएस-12 में एबी रोड से ही भौंरासला तक बनाया जाना है। उसके भी एक हिस्से पर प्राधिकरण ने रोड निर्माण शुरू किया है।
सालों से एमआर के साथ-साथ मास्टर प्लान की भी कई सडक़ें या तो निर्मित ही नहीं हुई या अधूरी पड़ी हैं। अब चूंकि लगातार शहर का यातायात चारों दिशाओं में बढ़ता जा रहा है और साथ ही आबादी भी, जिसके चलते प्रमुख और व्यस्त चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण किया जा रहा है, तो सडक़ें भी बनाई जा रही है। प्राधिकरण ने 60 मीटर यानी 200 फीट चौड़े एमआर-11 के निर्माण की भी कवायद फिर से शुरू की है। हालांकि पूर्व में 73.63 करोड़ की राशि शासन से भी इस रोड के लिए मांगी गई थी, जिसमें मैन केरेजवे, सेंट्रल वर्ज, इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग, साइकिल ट्रैक और स्टार्म वॉटर लाइन के काम शामिल किए गए थे। वहीं टीडीआर पॉलिसी के तहत भू-अर्जन किया जाना था। साथ ही 200 फीट चौड़ाई में मौजूद अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को चिन्हित कर पुलिस-प्रशासन, निगम की सहायता से हटाया जाना है।
वैसे तो शासन ने 200 करोड़ रुपए की राशि विधानसभा चुनाव से पहले प्राधिकरण को देना तय किया था, जिसमें इस रोड के साथ-साथ कुछ फ्लायओवर और अन्य सडक़ें बनाई जाना थी। मगर चूंकि शासन का ही खजाना खाली पड़ा है और हर माह लाडली बहना के लिए उसे 1500 करोड़ रुपए की राशि जुटाने के लिए ही लोन लेना पड़ता है। लिहाजा प्राधिकरण को शासन से यह घोषित की गई राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। लिहाजा बोर्ड में लिए गए निर्णय के आधार पर प्राधिकरण ने इस 200 फीट चौड़े एमआर-11 निर्माण के लिए अब टेंडर बुलाए हैं, जो लगभग 46 करोड़ रुपए की राशि के हैं। एबी रोड से लेकर बायपास तक यह एमआर-11 निर्मित होना है। बीते कुछ सालों से इसकी कवायद चल भी रही है। वैसे तो उज्जैन रोड पर भौंरासला से लेकर एबी रोड और वहां से बायपास तक ही रोड बनना है। मगर अलग-अलग टुकड़ों में इसका निर्माण किया जा रहा है। एबी रोड से लेकर भौंरासला तक रोड के लिए प्राधिकरण ने टीपीएस-12 घोषित कर रखी है, जिसमें से अभी रेलवे क्रॉसिंग तक का एक हिस्सा रोड का बनाया भी जा रहा है। दूसरी तरफ इंदौर से करनावद, राघौगढ़ फोरलेन ग्रीन फील्ड हाईवे का काम भी शुरू किया गया है। दरअसल यह इंदौर-नागपुर हाईवे से भी लिंक होना है, जिसके चलते इंदौर से करनावद तक के 29 किलोमीटर के हिस्से को फोरलेन बनाना है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की पहल पर शासन ने इस मार्ग को बनाने के लिए डीआरपी तैयार करने की मंजूरी दे दी है, जिसके पश्चात मार्ग निर्माण की आगामी कार्रवाई शुरू हो सकेगी। श्री सिलावट का कहना है कि इस मार्ग के बनने से इंदौर से नागपुर हाईवे का सफर आसान हो जाएगा और सांवेर के नागरिकों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
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