उज्जैन। जिले के गांव बाड़कुम्मेद के किसान रामेश्वर पाटीदार आलू, प्याज की परम्परागत खेती से हटकर राजमा की खेती कर रहे है और अन्य किसानों के लिये प्रेरणास्त्रोत बनने के साथ ही एक मिसाल भी बन रहे हैं। यही कारण है कि अब जिले के 200 किसानों ने राजमा की खेती करने का मन बनाया है और उज्जैन की कृषि उपज मंडी को राजमा की सबसे बड़ी मंडी बनाने की ठानी हैं। रामेश्वर पाटीदार ने अग्रिबाण को बताया कि ने उनका परिवार परम्परागत रूप से आलू, प्याज की खेती करते आ रहा था लेकिन इससे आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपय्या वाली स्थिति निर्मित हो जाती थी। इस कारण से उन्होंने खेती में कुछ नया करने का सोचा था। यूट्यूब और इंटरनेट के जरिए पहले तो उन्होंने राजमा खेती संबंधित जानकारी जुटाई और फिर खेती करने का मन बनाया। उन्होंने वर्ष 2022 में देहरादून जाकर राजमा की खेती के संबंध में मार्गदर्शन लिया। देहरादून के कृषि विभाग में भी उन्होंने राजमा की खेती के बारे में जानकारी हासिल की, वहीं देहरादून से 60 किलोमीटर दूर विकास कालोनी के एक व्यापारी से बीज लाकर बोवनी शुरू की। अक्टूबर में रामेश्वर ने 10 बीघा में राजमा बोया। फिर नवम्बर में दस बीघा में और बोवनी की। इसका उत्पादन 7 से 8 क्विंटल बीघा बताया जा रहा है। जिसका बाजार भाव 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल हैं।
मध्य प्रदेश में भी राजमा की मांग, दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा
रामेश्वर ने बताया कि राजमा चीन व ब्राजील की मुख्य फसल है। भारत में इसकी आपूर्ति इन्हीं देशों से होती है। मध्य प्रदेश में भी राजमा की बाजार में मांग है, इन्दौर और दिल्ली में इसका बड़ा बाजार है लेकिन आपूर्ति के मान से राजमा का उत्पादन न के बराबर है। इसी कमी को पूरा करने के लिए मैंने राजमा की बोवनी शुरू की है। मेरे साथ जिले के 200 किसानों ने भी राजमा की खेती करने का मन बनाया है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले एक साल में उज्जैन में राजमा का उत्पादन एक लाख क्विंटल तक होगा। इसके बाद उज्जैन कृषि उपज मंडी राजमा की सबसे बड़ी मंडी के नाम से पूरे भारत में पहचानी जाएगी।
राजमा फसल के फायदे
रामेश्वर ने बताया कि एक बीघा राजमा बोवनी में लगभग 11 से 12 हजार रुपए का खर्च आएगा। एक बीघा में करीब 7 से 8 क्विंटल फसल होगी, जिसका बाजार भाव 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। यानी की एक बीघा राजमा से 60 से 70 हजार रुपए का सीधा मुनाफा होगा। जबकि एक बीघा आलू बोवनी में 25 हजार तो प्याज में 45 हजार रुपए की लागत लगती है, वहीं दोनों ही फसल में किसान को मुनाफा कम नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती हैं।
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