भोपाल। राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में 200 बेड के फर्जी अस्पताल के संचालन का मामला सामने आया है। डॉक्टरों समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में संचालक की गिरफ्तारी होने के बाद बाकी आरोपी फरार हैं। पूर्व विधायक हजारीलाल दांगी की मांग पर कलेक्टर ने जांच समिति गठित की थी। राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में 200 बेड का फर्जी अस्पताल दिखाते हुए भोपाल की एक संस्था को नर्सिंग कॉलेज की मान्यता दिलाने को लेकर कार्रवाई की गई। अस्पताल संचालक सहित, चार डॉक्टरों पर जिले के खिलचीपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जांच कर रही कमेटी ने आरोपी अस्पताल संचालक अशोक नागर सहित बीएमओ डॉ. आरके पुष्पद, डॉ. एनके वर्मा, डीएचओ डॉ एके सक्सेना और तत्कालीन सीएमएचओ डॉ केके श्रीवास्तव को दोषी माना है। मुख्य आरोपी अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। राजगढ़ कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि शिकायत की जांच में फर्जीवाड़ा और मिलीभगत सामने आई है।
साईंनाथ अस्पताल के संचालक ने किया फर्जीवाड़ा
खिलचीपुर में 200 बेड का फर्जी अस्पताल दिखाने और इस पूरे फर्जीवाड़े की कूटरचित रचना वाले श्री साईनाथ हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर एवं मां जालपा बीएससी नर्सिंग कॉलेज के संचालक अशोक कुमार नागर के खिलाफ भी मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल डॉक्टरों में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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