इंदौर। आवासीय (Residential) सहित व्यावसायिक (Commercial), अस्पतालों (Hospitals) से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट (Medical Waste) का निपटान तो निगम के अलावा हॉस्विन इन्सनरेटर (Hoswin Incinerator) द्वारा किया जा रहा है। अब पीथमपुर (Pithampur) में विश्व का पहला ऐसा सर्कुलर इकोनॉमी इनोवेशन पार्क (Circular Economy Innovation Park) स्थापित किया जा रहा है, जिसमें 20 तरह के वेस्ट की उतनी ही यूनिटें अलग-अलग लगेंगी और रीसाइकल के जरिए नए प्रोडक्ट भी बनेंगे। 154 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाले इस इनोवेशन पार्क के प्रोजेक्ट को कल मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने भी सराहा और तीन साल में दो चरणों में यह प्रोजेक्ट पूरा होगा, जिसमें हर तरह का वेस्ट यानी कचरा रीसाइकल (Recycling) हो सकेगा। कागज से लेकर कंडम वाहनों की भी स्क्रैपिंग (Scraping) हो सकेगी। पहले चरण में अगले एक साल में ही 4 से 5 यूनिटें शुरू करने का भी लक्ष्य रखा गया है। दुनियाभर के इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाएंगी।
स्वच्छता के मामले में इंदौर (Indore) लगातार चार बार नम्बर वन इसीलिए आया, क्योंकि कचरे का निपटान वैज्ञानिक (Scientific) तरीके से शुरू किया गया। इंदौर (Indore) निगम द्वारा कचरे से खाद बनाने के अलावा मलबे से टाइल्स सहित अन्य सामग्री बनाई जा रही है, वहीं हॉस्विन इन्सनरेटर (Hoswin Incinerator) द्वारा मेडिकल वेस्ट का निपटान किया जाता है। इसके प्रबंध संचालक सैय्यद अरसद वारसी अब पीथमपुर (Pithampur) में वेस्ट-टू-प्रोडक्ट (Waste-to-Product) इकाई का बड़ा संयंत्र स्थापित करने जा रहे हैं। वारसी के मुताबिक इस तरह के छोटे-छोटे अलग-अलग यूनिट तो कई जगह चल रहे हैं, मगर पीथमपुर (Pithampur) के सेक्टर-2 में 50 एकड़ जमीन पर जो सर्कुलर इकोनॉमी इनोवेशन पार्क स्थापित किया जा रहा है, उसमें 20 तरह के वेस्ट का निपटान सांइटिफिक (Scientific) तरीके से किया जाएगा और रीसाइक्लिंग (Recycling) के जरिए नए प्रोडक्ट भी बनेंगे। हर तरह का औद्योगिक (Industrial), घरेलू (Domestic) प्लास्टिक सहित अन्य कचरा यहां पर इस्तेमाल हो सकेगा। यहां तक कि प्रदेश सहित देशभर में पिछले कई वर्षों में बड़े-बड़े सोलर पार्क लगाए गए, जिनकी उम्र 20 साल रहती है और अब उनके पैनल काम के नहीं रहे। लिहाजा उनकी रीसाइक्लिंग भी यहां हो सकेगी। इसी तरह विंड प्रोडक्ट से लेकर वाहनों में इस्तेमाल होने वाला लुब्रिकेंट, जिसे जला हुआ ऑइल भी कहते हैं उसका भी निपटान करने का अलग संयंंत्र स्थापित होगा। डीजल, बायोगैस से लेकर कई तरह के अलग-अल प्रोडक्ट भी रीसाइकिल के बाद बनेंगे। तीन साल में सभी 20 यूनिटें दो चरणों में स्थापित कर दी जाएंगी।
कागज से लेकर पुराने कंडम वाहन होंगे स्क्रैप
इस इनोवेशन पार्क में हर तरह के कचरे का सुरक्षित तरीके से रीसाइक्लिंग (Recycling) की प्रोसेस भी होगी। पेपर, कार्ड बोर्ड से लेकर उससे संबंधित सभी तरह के वेस्ट के अलावा अभी पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने पुराने वाहनों के लिए स्कै्रप पॉलिसी भी घोषित की है। लिहाजा यहां कंडम वाहनों को स्क्रैप में तब्दील करने वाली यूनिट भी स्थापित की जाएगी। स्क्रैप कागज, कार्ड बोर्ड का भी पुन: इस्तेमाल किया जा सकेगा, तो प्लास्टिक कचरे का पायरोलिसिस एवं डिस्टिलेशन तकनीक (Pyrolysis & Distillation Technology) द्वारा उससे डीजल का उत्पादन किया जाएगा। इस तरह हर तरह के अलग-अलग कचरे के निपटान हेतु अलग 20 यूनिट एक ही पार्क में स्थापित होंगी।
मुख्यमंत्री ने भी की सराहना
कल भोपाल (Bhopal) में हॉस्विन इन्सनरेटर (Hoswin Incinerator) प्रा.लि. के प्रबंध संचालक अरसद वारसी ने मंत्रालय में मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से मुलाकात की और उन्हें 154 करोड़ की लागत से पीथमपुर (Pithampur) में स्थापित किए जाने वाले इनोवेशन पार्क की जानकारी दी। इस पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने भी उसकी सराहना की। वारसी के साथ कर सलाहकार संतोष मुछाल भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इंडोरामा सिंथेटिक (Indorama Synthetic), अमृत पेपर्स (Amrit Papers), महिमा फाइबर्स (Mahima Fibers) की भी बड़ी इकाइयां प्रदेश में स्थापित हो रही हैं।
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