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चारधाम यात्रा शुरू होने के छह दिन के अंदर 20 तीर्थयात्रियों की मौत, जानिए क्‍या है कारण

May 11, 2022

रुद्रप्रयाग । यमुनोत्री और गंगोत्री धाम (Yamunotri and Gangotri Dham) में 14 यात्रियों की मौत हो चुकी थी। इनमें एक नेपाली मजदूर भी है। इनके अलावा केदारनाथ (Kedarnath) में पांच और बदरीनाथ (Badrinath) में एक श्रद्धालु की मृत्यु की सूचना है। इस तरह छह दिन में 20 तीर्थयात्रियों की मौत (death of pilgrims) ने यात्रा के आयोजकों और प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। चारधाम यात्रा शुरू होने के छह दिन के भीतर ही केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम जाने वाले 20 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। अव्यवस्थाओं व कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।


2 साल बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा
कोविड महामारी के कारण 2 साल बाद चारधाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता से दोगुने से अधिक यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे धामों में श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बार यात्रा शुरू होने के छह दिन के भीतर 20 तीर्थ यात्रियों की पैदल यात्रा करते समय अचानक मौत हुई है। इसमें सोमवार को तीन तीर्थ यात्रियों की मौत भी शामिल है।

ठंड के साथ ऑक्सीजन की कमी
केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के लिए तीर्थ यात्रियों को कठिन रास्ता तय करना पड़ता है। उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों से गुजरने वाले पैदल रास्ते में ठंड के साथ ऑक्सीजन की कमी होती है। ऐसे में पैदल चढ़ाई करने में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, अस्थमा से ग्रसित मरीजों को तबीयत बिगड़ने का खतरा रहता है।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट के मुताबिक चारधाम यात्रा में अब तक कई यात्रियों की अचानक मौत हुई है। इनमें यमुनोत्री में आठ, गंगोत्री में दो और केदारनाथ में पांच यात्रियों के मौत होने की सूचना है। यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल की टीमें तैनात हैं। यात्रा मार्गों पर चिकित्सा इकाईयों में डॉक्टरों के साथ दवाईयां, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत आती है। यदि कोई यात्री पहले से किसी बीमारी से ग्रसित है तो उन्हें मेडिकल चेकअप कराकर डॉक्टर की सलाह लेने के बाद यात्रा करनी चाहिए।

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