इन्दौर। इन्दौरियों में जागरूकता बढ़ी है और लोग सरकारी जांच के भरोसे नहीं रहकर अब निजी लैब से भी कोरोना जांच करवा रहे हैं। एक निजी लैब के आंकड़े में पिछले साढ़े तीन महीने में 20 प्रतिशत मरीज संक्रमित मिल हैं। लगभग सभी निजी लैब में यह आंकड़ा आ रहा है।
शुरूआत में जब निजी लैब को कोरोना जांच की अनुमति दी गई थी, तब जांच का आंकड़ा कम था और लोग सरकारी जांच के भरोसे ही रहते थे, लेकिन अब निजी लैब पर भी जांच होने लगी है, जिसके परिणाम जल्दी आने पर लोग निश्चिंत हो जाते हैं। जो पॉजिटिव आता है तो उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे दी जाती है और वहां की टीम उस व्यक्ति को लक्षणों के आधार पर या तो होम आइसोलेट कर देती है या फिर ज्यादा गंभीर होने पर अस्सतपाल में इलाज के लिए भर्ती करवा देती है। जंजीरवाला चौराहा पर सोडानी डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रमुख डॉ. राजेन्द्र कुमार सोडानी ने बताया कि हमें 11 मई को कोविड-19 टेस्ट की अनुमति मिली थी और तब से लेकर अभी तक करीब 7500 व्यक्तियों ने अपनी जांच करवाई है। इसमें से 20 प्रतिशत यानि 1500 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं और करीब 6 हजार नेगेटिव आए हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही साढ़े तीन सौ एंटीजन टेस्ट भी हो चुके हैं, जिसमें पॉजिटिविटी का आंकड़ा 8.57 प्रतिशत रहा है। अब तो लोग एंटीबॉडी टेस्ट भी करवाने आ रहे हैं। 1200 टेस्ट में से मात्र 10 प्रतिशत ही पॉजिटिव आए हैं।
तीन जगह देती है प्राइवेट लैब रिपोर्ट
निजी लैब के आंकड़े को लेकर कई बार संदेह होता है, लेकिन जो जानकारी निजी लैब द्वारा दी जाती है वह तीन जगह देना होती है। इसमें सीधे आईसीएमआर, सीएमएचओ और आईडीएसपी के पोर्टल पर जानकारी दी जाती है, ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे। अभी कई निजी लैब में आरटीपीसीआर के तहत की जाने वाली जांच में मशीन में एक बार में करीब 48 से 96 प्रतिशत सैम्पल जांचे जाते हैं, जिसमें रिजल्ट की सेन्सिटीविटी 70 प्रतिशत तक है। इसके साथ ही रेपिट एंटीजन टेस्ट की सेन्सिटीविटी भी 60 प्रतिशत तक होती है। इसमें किसी प्रकार की गड़बडृी की संभावना नहीं रहती, लेकिन बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच बाद में करवाने पर पॉजिटिव आने की संभावना बढ़ जाती है।
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