इंदौर (Indore)। पुलिस कमिश्नरी को पेपरलेस करने के लिए एक माह पहले एक ई-ऑफिस सिस्टम शुरू किया गया है, जिसके लिए 600 से अधिक पुलिसकर्मियों की आईडी बनाकर उनको जोड़ा गया है। लेकिन कल 20 ऐसे कर्मचारी पकड़ में आए, जो आईडी से जुड़े ही नहीं थे, इसके बावजूद ऑफिस का काम चल रहा था।
पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर ने एक माह पहले इंदौर में पुलिस कमिश्नरी से जुड़े सभी ऑफिसों को ई-ऑफिस से जोडऩे का सिस्टम शुरू किया है। इसके पहले वे भोपाल में यह सिस्टम लागू कर चुके हैं। इससे जहां अब बाबू फाइल लेकर इधर-उधर घूमते दिखना बंद हो गए हैं, वहीं अब जो शिकायतें कमिश्नर ऑफिस से थाने तक पहुंचने में दस दिन लग जाते थे, वे उसी दिन थाने तक पहुंच जाती हैं। पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए यह सिस्टम लागू किया गया है।
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इसके लिए पुलिस कमिश्नर ऑफिस से लेकर सभी झोन के अफसरों को आईडी के जरिए जोड़ा गया है। हर थाने के टीआई, एसआई और एससीएम को भी इससे सीधे जोड़ा गया है, ताकि सभी रिकार्ड ऑनलाइन रहे। सिस्टम को शुरू हुए एक माह हो गया है। इसके लिए 600 से अधिक पुलिसकर्मियों की आईडी बनाई गई है। अब शिकायत की जांच, अधिकारियों का मत और सजा सभी ऑनलाइन है। लेकिन कल 20 पुलिसकर्मी ऐसे पकड़ में आए, जो एक माह से ई-ऑफिस से लापता थे। इन लोगों की आईडी ही नहीं बनी थी। ये क्या काम कर रहे थे किसी को पता नहीं था। फिर भी ऑफिस का काम चल रहा था। अब इनकी आईडी बनकर इनको ई-ऑफिस से जोड़ा जा रहा है।
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