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    9 विधायक चुनने के लिए 20 लाख 33 हजार 296 इंदौरियों ने किया मतदान

  • November 18, 2023

    इन्दौर। आज सुबह इंदौर (Indore) की सभी 9 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान का अंतिम प्रतिशत उजागर हुआ, जिसमें कुल मतदान का प्रतिशत 73.79 रहा, जो कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग ढाई फीसदी ज्यादा रहा। सबसे अधिक 82.49 प्रतिशत मतदान देपालपुर (Depalpur) में हुआ, तो उसके पश्चात 80.17 प्रतिशत सांवेर में, वहीं 77.39 प्रतिशत महू में मतदान हुआ। यानी शहर की तुलना में एक बार फिर ग्रामीणों ने बाजी मारी। इंदौर (Indore) की इन सभी 9 विधानसभा सीटों के लिए कुल 20 लाख 33 हजार 296 वोट डले हैं, जिनमें पुरुष मतों की संख्या 10 लाख 53 हजार 821 और महिला मतों की संख्या 9 लाख 79 हजार 399 रही, तो थर्ड जेंडर ने भी 106 में से 76 वोट डाले।

    इंदौरी मतदाताओं (Indori voters) ने अगले 5 साल के लिए अपने किन विधायक प्रतिनिधियों को चुना है इसकी जानकारी तो 3 दिसम्बर को ही लगेगी, जब ईवीएम मशीनें धड़ाधड़ चुनाव परिणाम उगलेंगी। तब तक तो अटकलें, कयास और भविष्यवाणियां ही होती रहेंगी। इंदौर में हालांकि मतदान के प्रतिशत में इजाफा हुआ है। मगर इस बार भी शहरी मतदाताओं ने उदासीनता दिखाई, बजाय ग्रामीणों की तुलना में। पिछले चुनाव में भी इंदौर की ग्रामीण विधानसभा सीटों पर मतदान का प्रतिशत अधिक था और इस बार भी वही ट्रेंड लगभग कायम रहा है। सबसे कम 67.43 मतदान विधानसभा-2 में हुआ, जो कि भाजपा की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है, जहां रमेश मेंदोला का मुकाबला कांग्रेस के चिंटू चौकसे से है। इसी तरह इंदौर-5 में भी मतदान का प्रतिशत कम ही रहा, जहां 67.90 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले हैं। जबकि सबसे अधिक मतदान कर देपालपुर अव्वल रहा, जहां 82.49 फीसदी वोट डले हैं, तो सांवेर भी पीछे नहीं रहा, जहां का मतदान प्रतिशत 80.17 रहा है। इसी तरह महू में भी 77.39 प्रतिशत मतदान के साथ टॉप-3 में जगह बनाई। वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर बनी राऊ सीट पर भी 75.94 फीसदी मतदान हुआ है। इनकी तुलना में शहरी विधानसभा की सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम रहा, जिसमें चर्चित विधानसभा-1 में भी मतदान का प्रतिशत 72.28 रहा। इसी तरह विधानसभा 4 में 72.34 और विधानसभा-3 में 71.22 प्रतिशत रहा है। कल रात को जो इन सभी 9 सीटों के मतदान प्रतिशत का जो चार्ट हुआ था उसमें इंदौर में कुल 73.75 प्रतिशत बताया गया था। मगर आज सुबह जो अंतिम चार्ट हुआ उसमें .04 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हुई और कुल 73.79 प्रतिशत मतदान रहा।


    देपालपुर में ही महिला मतदाताओं ने दिखाई जागरूकता, 80 प्रतिशत ने किया मतदान

    कल के मतदान में महिला मतदाताओं का उत्साह भी देखा गया। सबसे अधिक मतदान देपालपुर क्षेत्र में हुआ और यहीं महिला मतदाताओं ने भी बड़ी संख्या में मतदान किया। यहां पुरूषों ने 84 तो महिलाओं ने करीब 80 प्रतिशत मतदान किया।

    इस आधी आबादी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का खूब उपयोग किया। इंदौर जिले की सभी 9 विधानसभाओं की बात की जाए तो 71.88 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। इन 9 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या 13 लाख 62 हजार 818 है, जिसमें से 9 लाख 79 हजार 572 महिलाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसे लाडली योजना का असर कहा जाए या जागरूकता, लेकिन देपालपुर विधानसभा में 1 लाख 32 हजार 134 महिलाओं में से 1 लाख 5 हजार 666 महिलाओं ने मतदान किया, जिनका प्रतिशत देखा जाए तो 79.97 प्रतिशत होगा। सबसे कम मतदान महिलाओं ने 5 नंबर विधानसभा में किया, जहां कुल महिलाओं में से 66.22 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। इसी तरह सांवेर में 77.19, महू में 75.58, राऊ में 74.60, इंदौर 4 में 69.37, इंदौर 1 में 70.58, इंदौर 3 में 69.01, इंदौर 2 में 66.65 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है।

    पांच बजकर 2 मिनट पर सील हुआ आखिरी स्ट्रांग रूम
    देर रात ढाई बजे पहुंचा आखिरी दल, गौतमपुरा और दरोता गांव के बाद विधानसभा 2 ने आखिरी आमद दी रात 8.25 बजे इंदौर विधानसभा नं. 5 के मतदान दल सामग्री और ईवीएम लेकर सबसे पहले पहुंचे। वहीं सबसे आखिरी दल विधानसभा 2 के रहे, जबकि गौतमपुरा व देपालपुर क्षेत्र के दरोता गांव के दल भी इनसे पहले पहुंचे। सुबह 5 बजकर 2 मिनट पर आखरी स्ट्रांग रूम पांच नं. विधानसभा का ही सील किया गया। किसी की बस खराब हुई तो किसी दल ने सामग्री पर सील नहीं लगाई, इसके कारण देर तक कार्रवाईयां चलती रही।

    कल सुबह सात बजे से शुरू हुआ मतदान का सिलसिला देर शाम सात बजे तक चलता रहा। कई केंद्रों पर सुबह के सत्र में कम प्रतिशत में मतदान हुआ और शाम होते ही अचानक मतदाताओं की संख्या बढ़ गई, जिसके चलते कई मतदान दल मशीनें जमा कराने देर रात तक पहुचे। रात ढाई बजे सबसे आखरी दल स्टेडियम पहुंचा और सुबह 5 बजकर 2 मिनिट तक स्ट्रांग रूम सील करने की कार्रवाई चलती रही। मतदान दलों की लापरवाही के चलते जहां लेटलतीफी देखी गई। वहीं तीन दौर की ट्रेनिंग देने के बावजूद भी कल मतदान दलों में काम को लेकर गफलत देखी गई। अपने अपने मतदान केंद्रों से पहुंचे मतदान दल स्टेडियम में ही बैठकर सामग्री सील करते नजर आए तो कई दलों की बसें खराब होने के कारण देर से पहुंची। विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकारियों ने तीन दौर की ट्रेनिंग कर्मचारियों को दी थी, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हुई

    दरोता की हुई बस खराब
    सबसे दूर कहे जाने वाले गांव देपालपुर के दरोता क्षेत्र की बस रात दो बजे स्टेडियम परिसर पहुंची। आर ओ का देपालपुर क्षेत्र के एसडीएम के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बस खराब होने के कारण सबसे दूर क्षेत्र की बस सबसे आखरी में पहुंची। हालांकि चाकचौबंद व्यवस्था के कारण तेजी से कार्य किया गया और तीन बजे के पहले ही मशीनें जमा करा दी गई। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार ईवीएम और मतदान सामग्री लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लेट पहुंचने के कारण भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। देर रात होते ही कई पटवारी ड्यूटी से जहां गायब हो गए, वहीं मतदान दलों को देरी होने के कारण वे भी विरोध करते नजर आए।

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