धार। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में स्थित भोजशाला के सर्वे (Bhojshala Survey) को 20 दिन (20 days) पूरे हो चुके हैं, जहां लगातार ASI की टीम भोजशाला में सर्वे करती नजर आ रही है। धार की भोजशाला में कोर्ट (Court) के निर्देश पर पुरातत्व विभाग (Archeology Department) की ओर से सर्वे किया जा रहा है, जहां लगातार सर्वे के चलते भोजशाला में खुदाई का काम जारी है।
ASI की टीम कार्बन डेटिंग के साथ ही मशीनों की सहायता से सर्वे का काम कर रही है, जहां अब तक 7 स्थानों पर 10 से 12 फीट तक की खुदाई की जा चुकी है। ASI की टीम यहां बड़ी बारीकी से जांच पड़ताल का काम कर रही है, जहां ASI की टीम को दीवारों पर उकेरे गए चित्र भी मिले हैं, इसके साथ ही मिट्टी और पत्थरों की जांच भी की जा रही है।
ऐसा है पूरा मामला
धार जिले में स्थित भोजशाला को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अहम फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने भोजशाला के एएसआई सर्वे को लेकर आदेश दिया है। धार स्थित भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है, जहां वसंत पंचमी समेत त्योहारों पर देवी की विशेष आराधना होती है। वहीं भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन दिया गया था, जिस पर हाईकोर्ट की ओर से एएसआई सर्वे का आदेश दिया गया है।
धार स्थित भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा एक आवेदन हाईकोर्ट में दिया गया था, जिस पर सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फरवरी में हाईकोर्ट की ओर से फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था, वहीं अब हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ की ओर से एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है।
सदियों पुराना विवाद है
धार स्थित भोजशाला में माता सरस्वती का बेहद प्राचीन मंदिर स्थित है, जहां हर साल वसंती पंचमी धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, इसी के साथ यहां वसंत पंचमी के अलावा त्योहारो पर बड़ी संख्या में लोग दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते हैं। यहां वसंत पंचमी के साथ-साथ शुक्रवार को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं। भोजशाला का विवाद सदियों पुराना है। लोगों का मानना है की, सदियों पहले यहां आक्रमणकारियों ने आक्रमण कर मजार बनवाई थी, यहां आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत भाषा में श्लोक लिखे हुए हैं।
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