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    शहर में भीख माँग रहे 20 बच्चें को पकड़ा तथा समझाईश देकर छोड़ा

  • June 08, 2024

    • भिक्षा नहीं शिक्षा का अभियान शुरू किया प्रशासन ने-जगह जगह जाकर भीख मांगने वाले बच्चों को चिन्हित करेंगे

    उज्जैन। भिक्षा नहीं शिक्षा दे अभियान की शुरूआत उज्जैन में भी हो गई है। इसमें शहर को बाल भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी से पूर्णत: मुक्त किया जाएगा। 20 मई से शुरू हुए इस अभियान में अभी तक 20 से ज्यादा बच्चों को चिन्हित किया गया और उनके परिजनों को बच्चों की शिक्षा के प्रति ध्यान देने की समझाईश दी गई। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान उज्जैन नगर में पूर्ण दक्षता के साथ संचालित किया जा रहा है। रोकथाम हेतु जिला स्तरीय दल जिला बाल संरक्षण ईकाई, विशेष किशोर पुलिस ईकाई, संबन्धित क्षेत्र की परियोजना अधिकरी तथा विकासखंड स्तरीय दल का गठन परियोजना अधिकारी आईसीडीएस, संबंधित सेक्टर सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सम्मिलित कर किया गया है।


    विभाग द्वारा बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु संवेदनशील स्थलों महाकाल, हरसिद्धि चौराहा, तीन बत्ती चौराहा, नागझिरी, समुद्रमंथन चौराहा, चामुण्डा माता चौराहा, टावर, आगर नाका, कोयला फाटक, चिंतामन जवासिया, डालडा ब्रिज सिग्नल, शनि मंदिर, सिद्धवट, काल भैरव, रामघाट आदि स्थलों पर होर्डिंग्स लगाए हैं जिसमें बाल भिक्षावृत्ति के बदलते स्वरूप, बालकों द्वारा तिलक लगाने (महाकाल क्षेत्र) दुर्वा या पूजन सामग्री बेचने (चिंतामन आदि जगह), गाडिय़ों के कांच साफ करने व चौराहों पर सामग्री बेचने (महामृत्युंजय द्वार, नागझिरी आदि चौराहे व परिवहन प्वांइट) वाले से सामग्री न क्रय करने, धन राशि न देने का आग्रह करते हुए भिक्षा नहीं शिक्षा दे संबंधी अपील की गई। अभी तक जिला स्तरीय दल को निरीक्षण के दौरान मक्सी रोड पाइप फैक्ट्री चौराहे व आर.टी.ओ. चौराहे पर बालकों को गोद में लेकर कई महिलायें गाडिय़ों के कांच पोछती पाई गई, जिन्हें समझाईश दी गई और भविष्य में उक्त कृत्य नहीं करना बताया गया। दल ने चिंतामन जवासिया में 4 बालक माता पिता के साथ दूर्वा बेचते हुए पकड़ा, जिन्हें समझाईश देकर छोड़ा दिया गया। इसी प्रकार मंगलनाथ में 1 बालक, सिद्धवट में 3 बालक, काल भैरव में 2 बालिका, रामघाट में 2 बालिका माता पिता के साथ पूजन सामग्री बेचते पाई गई। महाकाल क्षेत्र में 8 से 10 बच्चे मिले, जो टीम को देखकर भाग निकले। सभी के नाम पते नोट किए गए हैं। वहीं धरम बल्डा बडऩगर रोड पर जाकर पूरे डेरे वालों को भी समझाईश दी गई। भविष्य में ये सभी बच्चे उक्त कृत्य में लिप्त पाए जाते हैं तो इनके माता-पिता को दोषी मानकर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मामले में महिला बाल विकास के अधिकारी एस. ए. सिद्दीकी ने बताया कि अभियान में टीम ने जितने भी बच्चे चिह्नित किए वे सभी पूजन सामग्री बेचते और तिलक लगाते मिले हैं। जिनके माता-पिता को जागरूक कर उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया गया हैं।

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