- इनसे पुर्नजीवित होगा ईको सिस्टम, बढ़ेगा टूरिजम
- 1.8 मिलियन हैक्टेयर भूमि पर निवेश लाने के लिए होंगे प्रयास
- चीतोंं के पुर्नस्थापन से बढ़ेेगी क्षेत्र की आर्थिक, औद्योगिक, खाद्य प्रसंस्करण प्रगति
भोपाल। श्योपुर जिले के 748 वर्ग किमी में विस्तार लिए कूनो-पालपुर आने वाले समय में अब दक्षिण अफ्रीका से आए 20 चीतों का घर बन जाएगा। भारतीय घर में चीतों के दौडऩे से मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर और राजस्थान राज्य की सीमा से जुड़े श्योपुर की आर्थिक, औद्यौगिक प्रगति की संभावनाएं बढ़ेंगीं। चीता पुर्नस्थापन योजना से कराहल-श्योपुर के अलावा शिवपुरी के पोहरी सहित कूनो और चंबल नदी के आसपास की लगभग 1.8 मिलियन हैक्टेयर भूमि पर ईको टूरिज्म, कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों सहित ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। बीते वर्ष सितंबर में आठ और अब 12 चीते आने के बाद हरियाणा, दिल्ली और पंजाब के निवेशकों ने कूनो नेशनल पार्क के आसपास निवेश करने में रुचि लेना शुरू किया है। आने वाले एक या दो वर्ष में कूनो-पालपुर क्षेत्र टूरिस्ट आधारित इकाइयों के लिए निवेश का बेहतर स्थान बनने की संभावना है।
इन कारणों से मिलेगी विकास को रफ्तार 309 किलोमीटर लंबे अटल प्रगति पथ की शुरुआत हो चुकी है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर श्योपुर का संपर्क भिंड में गोल्डन क्वालिटीलेट्रल हाइवे से होगा। मुरैना में नार्थ-सैंट्रल कॉरीडोर से होगा और राजस्थान में दिल्ली मुम्बई कॉरीडोर से हो जाएगा। सड़क मार्ग से संपर्क बढऩे के साथ ही आने वाले समय में रेलवे की ब्रॉडगेज लाइन का काम भी होना है। इससे आवागमन बेहतर होगा और विकास के नए रास्ते खुलेंगे। चीता पुर्नस्थापन योजना के जरिये दिल्ली से खजुराहो या राजस्थान के रणथंभोर नेशनल पार्क जाने वाले पर्यटक कूनो पालपुर क्षेत्र में ईको टूरिज्म का भी अनुभव कर सकेंगे। आंचलिक टूरिस्ट सर्किट तैयार होने पर चंबल सेंचुरी, सोन चिरैया अभयारण्य और करैरा अभयारण्य भी आपस में लिंक हो सकेंगे इससे पर्यटन को रफ्तार मिलेगी।