उज्जैन। उज्जैन (ujjain) में 31 दिसंबर रविवार को वर्ष 2023 के अंतिम दिन शहर के मध्य चामुंडा माता मंदिर (Central Chamunda Mata Temple) के नाम एक साथ दो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) दर्ज किए जाएंगे जिसकी तैयारी मंदिर समिति द्वारा जोर-जोर से की जा रही है। 31 दिसंबर को प्रथम बार निर्धन एवं गरीब वर्ग के लिए सबसे बड़ा स्वरूचि भोज (बफेड) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें असंख्य लोग भोजन करेंगे।
बता दें कि यह भोजन भी शादी विवाह की तरह होगा। वहीं मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रथम बार भारत के सर्वाधिक हिंदू तीर्थों सप्तपुरी, चारधाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ आदि का एक छत के नीचे दर्शन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। पूर्व में भी चामुंडा माता भक्त समिति दो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है। जिसमें सर्वाधिक साबुदाना खिचड़ी बनाने एवं वितरित करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण द्वारा सेफ भोग प्रमाण पत्र भी समिति को प्रदान किया जा चुका है। लॉकडाउन में भी चामुंडा माता भक्तसमिति ने 10 लाख भोजन पैकेट वितरीत किए थे। संयोजक पं. शरद चौबे, पं. सुनील चौबे एवं वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र शाह के अनुसार भक्त समिति के स्थापना दिवस 1 जनवरी के उपलक्ष्य में मंदिर का नाम मंदिर की भोजनशाला से भोजन वितरण के कारण भी हुआ है।
चामुंडा माता मंदिर से प्रतिदिन सुबह और शाम अनेक लोगों को भोजन वितरित किया जाता हैं। इसी पर प्रबंध समिति को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का विचार आया कि गरीबों को भोजनशाला से भोजन कराने के दौरान जो लोग भोजनशाला में लाइन में लगकर इंतजार कर भोजन ग्रहण करते हैं उनके लिए एक सामूहिक भोज बफर्ड करने निर्णय लिया गया।
यह आयोजन 31 दिसंबर को किया जाना प्रस्तावित किया गया। इसके साथ ही लॉकडाउन में मंदिर परिसर में निर्मित सचित्र भारत दर्शन के संबंध में गोल्डन बुक से चर्चा करने पर उनके द्वारा यह बताया गया कि ऐसी भारत दर्शन की व्यवस्था कहीं नहीं है। इसलिए क्यों इसका भी वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करायें। इस पर विचार कर इसका भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। यह कार्यक्रम मंदिर प्रबंध समिति एवं लायंस ऑफ उज्जैन के द्वारा आयोजित किया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा शहर के लोगों को उक्त कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की गई है।
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