भोपाल। इटारसी से भोपाल (Bhopal-Itarsi ) के बीच बन रही तीसरी रेल लाइन (Third railway line) पर काम तेजी से चल रहा है। रेलवे (Railway ) बरखेड़ा-बुदनी घाट सेक्शन (Barkheda-Budni Ghat Section) में तीसरी थर्ड रेल लाइन पर आधुनिक तकनीकी से 5 आस्ट्रियन सुरंगों (5 Austrian tunnels with modern technology) का निर्माण करा रहा है। इसके अलावा, 20 अंडरपास और 5 ओवरपास बनाए जा रहे हैं। ट्रैक के बगल में जानवरों के लिए स्टॉप डैम बनाने का काम भी चल रहा है ताकि वो अपनी प्यास बुझा सकें।
कुल पांच सुरंगें बनाई जा रही हैं। इनमें से दो सुरंगें ऐसी हैं, जिनमें दो ट्रैक डाले जा रहे हैं। यानी ऐसी सुरंग से दो ट्रेनें एक साथ गुजर सकेंगी। मध्य प्रदेश में यह पहला मौका है जब किसी रेलमार्ग पर दो ट्रैक वाली सुरंग बन रही हैं।
बरखेड़ा-बुधनी रेलखंड दिल्ली-चेन्नई रेल मार्ग पर भोपाल से इटारसी के बीच है। बरखेड़ा से बुदनी घाट सेक्शन के बीच निर्माणाधीन 26.50 किमी तीसरी रेल लाइन पर 5 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। पहली टनल एक किमी लंबी है जो बुदनी के पास बन रही है. यह दोनों ओर आर-पार हो गई है। अब इसमें बेस, लाइनिंग, ड्रेनेज का काम चल रहा है. यह विंध्याचल पर्वत के मिडघाट सेक्शन पर यह रेलवे की सबसे बड़ी सुरंग है।
दूसरी टनल मिडघाट पर 200 मीटर लंबा बन रही है। इसका काम भी चल रहा है। तीसरी टनल भीमकोठी के पास 250 मीटर की है जिस पर काम चल रहा है। चौथी व पांचवीं टनल चौका केविन के पास बन रही है। चौथी टनल 150 मीटर लंबी है। इसमें से दो रेल लाइन निकालने की क्षमता के अनुसार इसे बनाया जा रहा है। पांचवीं टनल 450 मीटर की बनाई जा रही है। इसमें लाइनिंग और ड्रेजन का काम किया जा रहा है। इन टनल की ऊंचाई 9 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर है. पांचों सुरंग हॉर्स-शू (घोड़े की नाल) की तरह रहेंगी।
पूरा प्रोजेक्ट 170 करोड़ रुपये का है। 2023 तक पांचों सुरंग तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। मिड घाट और चौका केबिन की नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी हैं। अब नई बिल्डिंग से कंट्रोल पैनल से ट्रैन ट्रैफिक कंट्रोल किया जाएगा। अभी तक करीब 50 से 60 साल पुरानी केबिन बिल्डिंग में कम चल रहा है। जब यह प्रोजेक्ट बनकर पूरा हो जाएगा तो बीना-भोपाल-इटारसी के बीच 130 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलेंगी।
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