देश में इन दिनों लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) की तादाद बढ़ती जा रही है। आधुनिक तकनीक के कारण यह अब आसान भी हो गया है। हर वर्ष लगभग 2 हजार लिवर ट्रांसप्लांट हो रहे हैं। हालांकि कोविड के दौरान इनकी संख्या में गिरावट भी दर्ज की गई।
यह कहना है फोर्टिस अस्पताल (Fortis Hospital) नोएडा के निदेशक व लिवर ट्रांसप्लांट के विशेषज्ञ डॉ. विवेक विज (Dr. Vivek Vij) का। वे कल चोइथराम अस्पताल में एक लिवर प्रत्यारोपण के लिए आए थे। चोइथराम अस्पताल (Choithram Hospital) के डॉ. अमित भट्ट ने बताया कि अस्पताल में अब तक 11 सफल लिवर प्रत्यारोपण सर्जरी हो चुकी हैं। यह 12वीं प्रत्यारोपण सर्जरी थी, जिसे डॉ. विवेक विज (Dr. Vivek Vij) और अस्पताल की टीम ने सफलतापूर्वक संपन्न कराया। 32 वर्षीय बेटे ने 57 वर्षीय पिता को लिवर डोनेट (Liver Donate) किया।
60 प्रतिशत लिवर प्रत्यारोपण फैटी लिवर के कारण
डॉ. विज ने बताया कि फैटी लिवर (Fatty Liver) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें फैट (चर्बी) जमा हो जाती है, जिसके कारण लिवर में सूजन आ जाती है। इससे लिवर की कार्यप्रणाली में अनियमितता आ जाती है। वर्तमान समय में 60 प्रतिशत लिवर प्रत्यारोपण नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग के कारण हो रहा है। फैटी लिवर (Fatty Liver) होने के मुख्य कारण में मधुमेह, मोटापा, डायसिलिपीडेमिया, आधुनिक जीवनशैली के साथ-साथ तनाव, अनियंत्रित भोजन (जंक फूड) व शारीरिक परिश्रम की कमी है। समय पर इलाज न होने से लिवर सिरोसिस हो जाता है और लिवर प्रत्यारोपण की नौबत आ जाती है। फैटी लिवर (Fatty Liver) के कोई खास लक्षण नहीं होते न ही लिवर क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद लक्षण उभरते हैं। तब तक बहुत देर हो जाती है। इसलिए 35 वर्ष की उम्र के बाद लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) और लिवर स्क्रीनिंग कराया जाना चाहिए।
डॉ. विज की तकनीक पूरे विश्व में अपनाई जा रही है
डॉ. विवेक विज (Dr. Vivek Vij) द्वारा लिवर ट्रांसप्लांट के लिए कुछ नई तकनीक ईजाद की गई है। इसे देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनाया जा रहा है। डॉ. विवेक ने चर्चा में बताया कि वर्तमान में लिवर प्रत्यारोपण के दौरान रिसीवर का लिवर का टुकड़ा निकालने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ( Laparoscopic Surgery ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा देश में फोर्टिस सहित केवल एक-दो अस्पतालों में ही हो रहा है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ( Laparoscopic Surgery ) के कारण लिवर दानदाताओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। चोइथराम अस्पताल के डॉ. अजय जैन ने हेपेटाइटिस डे के मौके पर लोगों को जागरूक करने की बात कही।
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