नई दिल्ली: केरल (Kerala) में एक बार फिर निपाह वायरस (Nipah virus) एक्टिव हो गया है. इस संक्रामक रोग (infectious disease) की चपेट में आकर कोझिकोड जिले में दो लोगों की मौत होने के बाद प्रशासन के कान खड़े (administration is on alert) हो गए हैं. राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने हाई लेवल मीटिंग (Health Minister held high level meeting) कर हालात की समीक्षा की है. उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने भी एक केंद्रीय टीम केरल भेजने का निर्देश दिया है, जो राज्य सरकार की वायरस पर जल्द से जल्द कंट्रोल करने में मदद करेगी. केरल में पहले भी निपाह वायरस अपना असर दिखाता रहा है.
कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण वाले दोनों मरीजों को एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. वहां इलाज के दौरान पहले मरीज की 30 अगस्त को और दूसरे मरीज की सोमवार (12 सितंबर) को मौत हो गई. दोनों मरीजों की मौत के बाद राज्य में तत्काल सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी किया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने दोनों मृतकों और वैसे ही लक्षण वाले सभी मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए जमा किए गए हैं. इन सैंपल को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में भेजा गया है.
कोझिकोड जिले में मरने वाले दोनों मरीजों के सैंपल में निपाह वायरस की पुष्टि होने के बाद राज्य की मशीनरी एक्टिव हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार रात में ही हाई लेवल मीटिंग बुलाकर हालात की समीक्षा की है. इसके बाद राज्य के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. केरल सरकार ने कोझिकोड में लगातार निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम बना दिया गया है. लोगों को निपाह वायरस से बचाव वाले सभी उपाय अपनाने की अपील की जा रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने केरल में मरने वाले लोगों में निपाह वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, केंद्र सरकार हालात पर नजर रख रही है. एक केंद्रीय टीम केरल भेजी गई है, जो हालात की निगरानी करेगी और निपाह वायरस मैनेजमेंट में राज्य सरकार की मदद करेगी.
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजय ने मंगलवार को लोगों से बचाव के उपायों का सख्ती से पालन करने की अपील की. साथ ही ये भी कहा कि जो लोग मृतकों के इलाज के दौरान उनके करीबी संपर्क में आए हैं, उनकी पहचान की जा रही है. उनमें से किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. बस उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है. हर किसी को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयार एक्शन प्लान को लागू करने में सहयोग देने की जरूरत है.
केरल में इससे पहले भी दो बार निपाह वायरस का कहर देखने को मिल चुका है. एक बार कोझिकोड जिले और मल्लपुरम में साल 2018 में इस वायरस के मामले सामने आए थे. इसके बाद साल 2021 में कोरोना वायरस के कहर के बीच कोझिकोड जिले में फिर से निपाह वायरस एक्टिव हुआ था. दोनों ही मौकों पर इस वायरस को ज्यादा कहर बरपाने से पहले ही कंट्रोल कर लिया गया था. निपाह वायरस अमूमन फल खाने वाले चमगादड़ों के कारण फैलता है. यह इंसानों के साथ ही जानवरों के लिए भी खतरनाक माना जाता है. इस वायरस में सांस से जुड़ी बीमारी होती है, जिसके चलते बुखार, मसल्स पेन और सिरदर्द के अलावा जी मिचलाने और उल्टी आने जैसे लक्षण सामने आते हैं.
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