नई दिल्ली (New Dehli) । मध्य प्रदेश के दमोह जिले (Damoh district of Madhya Pradesh)में पशु क्रूरता का सनसनीखेज (sensational)मामला सामने आया है। यहां इंसानों ने जानवरों (humans killed animals)के साथ भयानक कृत्य को अंजाम (commit a terrible crime)दिया है। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में खेतों में घुस रहे मवेशियों से अपनी फसल को बचाने के लिए मानवता की हद पार कर गायों के खुरों में लोहे की 2 इंच कील ठोक दी गई। कील लगने से पशुओं के पैर में घाव हो गए और उनका चलना भी दुश्वार हो गया। मवेशियों के साथ इस प्रकार की क्रूरता करने की जानकारी लगने पर भगवती कल्याण संगठन के सदस्य गांव पहुंचे। उन्होंने इसकी सूचना जानवरों के डॉक्टर सहित पुलिसवालों को दी। पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम में मामला दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
यह पूरा मामला तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम देवरी निजाम का है। यहां खेतों में लगी फसल लहलहा रही है और उसे देखकर मवेशी खेतों में घुस रहे थे। खेत में घुस रहे मवेशियों से निजात पाने के लिए गांव के तीन लोगों ने मानवता की हद पार करते हुए एक दर्जन के करीब गायों के खुरों में लोहे की 2 इंच तक कील ठोक दी। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस एवं भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य घटनास्थल पहुंचे तो देखा कि मवेशी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहे थे और दर्द से तडप रहे थे। सभी ने मिलकर इन मवेशियों के पैरों से लोहे की कील निकाली और उन्हें दर्द से निजात दी। पुलिस पड़ताल के बाद पता चला कि ग्राम के ही गुड्डू अहिरवार, गुलाब आदिवासी और रीतेश आदिवासी ने इस घटना को अंजाम दिया है।
तेंदूखेड़ा टीआई फेमिदा खान ने बताया कि मंगलवार की रात भगवती मानव कल्याण संगठन के द्वारा सूचना मिली थी कि गांयों के पैरों में 2 इंच की कीले लगी हुई हैं। किसी ने उनके खुरो में कील ठोकी है। सूचना पर स्टाफ के साथ मौके पर जाने पर पता चला कि दर्जनों की तादाद में पशुओं के पैरों में कील ठोकी गई है। संगठन के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर गुड्डू पिता बाबूलाल अहिरवार, गुल्ली उर्फ गुलाब आदिवासी, रितेश पिता मंगल आदिवासी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए रीतेश आदिवासी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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