उज्जैन। शहर की अंदरूनी सड़कें खराब हैं और 2 करोड़ रुपए सेंक्शन किए गए हैं तथा ठेकेदार सड़क बना भी देंगे लेकिन भ्रष्टाचार के चलते सड़कों का निर्माण गुणवत्ता विहीन होगा और कुछ दिनों बाद फिर गड्ढे हो जाएँगे। नगर निगम में कोई तकनीकी जवाबदेही नहीं तय की जाती।
बारिश से शहर की डामर की सड़कें जर्जर हो गई है और कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे भी हो गए हैं। गड्ढे इतने गहरे हैं कि वह भराव से ठीक नहीं हो पा रहे है,ं वहां रिपेयरिंग ही जरूरी है। नगर निगम ने इन सड़कों को सुधारने के लिए दो करोड़ रुपए का टेंडर भी 15 दिन पहले कर लिया है और 10 सितंबर से काम शुरू होने वाला था लेकिन फिर से मौसम में नमी आने के कारण डामर प्लांट में डामर तैयार होने में दिक्कत आ रही है। इसी के चलते फिलहाल काम नहीं शुरू किया गया है। जैसे ही बारिश का मौसम खत्म होगा और मौसम में नमी दूर होगी तो तत्काल शहर की सड़कों को रिपेयर करने का काम शुरू किया जाएगा। निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने बताया दो करोड़ रुपए के टेंडर हुए हैं, इसमें शहर की 12 किलोमीटर की सड़कें रिपेयर की जाएगी।
इन सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे, सड़क की लेवलिंग भी की जाएगी। संभावना है 20 सितंबर के बाद ही यह काम शुरू हो पाएगा। अभी 25 सितंबर तक ही बारिश का सीजन मौसम विभाग के अनुसार रहता है। उल्लेखनीय है कि शहर में फ्रीगंज, आगर रोड, नई सड़क, इंदौर गेट, गोपाल मंदिर, अंकपत मार्ग, मिर्जा नईम बेग मार्ग सहित कई सड़कों पर बारिश के बाद गड्ढे हो गए हैं और जिन में रिपेयरिंग बहुत जरूरी है। सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में यह काम शुरू हो जाएगा।
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