उज्जैन। कोरोना की लहर के बावजूद इस वर्ष संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन पिछले साल से 23 प्रतिशत ज्यादा हुआ है। इस बार रजिस्ट्रार विभाग ने चालू वित्त वर्ष के 270 दिनों में संपत्तियों के पंजीयन में 198 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है। उल्लेखनीय है कि बीते अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी और यह जून तक समाप्त हुई थी। इसके बावजूद संपत्तियों का पंजीयन बड़ी संख्या में हुआ है। रजिस्ट्रार विभाग में संपत्तियों के पंजीयन से 1 अरब 98 करोड़ 38 लाख रुपए का राजस्व 31 दिसंबर तक प्राप्त हुआ है। इस दौरान 35980 संपत्तियों के कागजात रजिस्टर्ड किए गए हैं। वरिष्ठ जिला पंजीयक ऋतुंभरा द्विवेदी ने बताया उज्जैन जिले के रजिस्ट्रार विभाग को पहले 242 करोड़ का सालाना लक्ष्य दिया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 270 करोड़ कर दिया गया।
इस लक्ष्य के चलते विभाग ने 84.85 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति कर ली है जो पिछले वर्ष से 23.63 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल 31 दिसंबर 2020 तक राजस्व विभाग को संपत्तियों के पंजीयन से एक अरब 72 करोड़ रुपये के करीब ही प्राप्त हुए थे। उस मान से इस बार विभाग ने अच्छी राजस्व प्राप्ति की है। जिला पंजीयक का कहना था कि अभी इस वित्तीय वर्ष में जनवरी को मिलाकर तीन माह और बचे हैं और इन 3 माह में जो लक्ष्य दिया गया है उसे भी विभाग द्वारा प्राप्त कर लिया जाएगा।
हर दिन औसत 73 रजिस्ट्रियाँ, 73 लाख आय
रजिस्ट्रार विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के एक अप्रैल से इस साल के 31 दिसम्बर तक 270 दिन की अवधि में रजिस्ट्री से 198 करोड़ की आय हुई है। ऐसे में प्रतिदिन रजिस्ट्रार विभाग में रजिस्ट्री के जरिये 73 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। 198 करोड़ आय के एवज में विभाग ने इतने दिनों में 35 हजार 900 रजिस्ट्रियाँ की है। प्रतिदिन औसत के हिसाब से रजिस्ट्रार कार्यालय में कोरोना महामारी के बावजूद रोजाना 73 से ज्यादा रजिस्ट्रियाँ लोगों ने करवाई है।
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