इंदौर। प्रदेश में 1 अगस्त से परिवहन विभाग का वाहनों से जुड़ा सारा काम केंद्र सरकार के ‘वाहन पोर्टल’ पर शिफ्ट कर दिया गया है। इसके बाद से रोज नई परेशानियां सामने आ रही हैं। इसमें एक प्रमुख परेशानी है वाहनों की हाईसिक्योरिटी नंबर या रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) की। अगस्त से कल तक इंदौर में 19 हजार से ज्यादा वाहनों की नंबर प्लेटों का रिकार्ड अटका हुआ है, जिससे बिना नंबर प्लेट के वाहन डिलीवर हो रहे हैं। यह परेशानी इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की है और प्रदेश स्तर पर यह आंकड़ा 1.84 लाख से ज्यादा है।
अगस्त से वाहन पोर्टल पर काम शुरू किए जाने के बाद परिवहन विभाग ने डीलर्स को ही वाहनों के नंबर जारी करने का अधिकार भी दे दिया है। साथ ही यह भी आदेश दिए हैं कि वाहनों को नंबर प्लेट लगाने के बाद ही डिलीवर करेंगे। नियमानुसार डीलर को वाहन बेचते समय सारी जानकारी दर्ज करने के बाद वाहन का नंबर मिल जाता है। इस नंबर के आधार पर उसे वाहन की हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाना होती है और उसे वाहन पर लगाने के बाद ही वाहन को डिलीवर करना होता है। इसके साथ ही नंबर प्लेट का डेटा सिस्टम में अपलोड करना होता है। इस आधार पर ही परिवहन विभाग द्वारा वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी किया जाता है। लेकिन नए सिस्टम में वाहनों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बाद भी नंबर प्लेट तैयार करने में परेशानी आ रही है, वहीं नंबर प्लेट बनने के बाद भी इसका डेटा सिस्टम में अपलोड नहीं हो रहा है।
तीन माह में 2.78 लाख वाहनों के मामले 1.84 लाख की नंबर प्लेट अटकी
परिवहन मुख्यालय को पूरे प्रदेश से इस संबंध में मिल रही शिकायतों के बाद परिवहन आयुक्त संजयकुमार झा ने सभी जिलों से अगस्त से अब तक वाहनों में नंबर प्लेट से जुड़ी समस्याओं के आंकड़े बुलवाए थे। इस आधार पर प्रदेश के 51 जिलों से कल शाम तक तैयार जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 1 अगस्त से 9 नवंबर तक 2,78,348 वाहनों में एचएसआरपी से जुड़ी शिकायत सामने आई थी। इनमें से सिर्फ 94,272 वाहनों पर नंबर प्लेट का डेटा अपलोड हुआ है, शेष 1,84,076 वाहनों की नंबर प्लेट का डेटा पेंडिंग है। इंदौर की बात करें तो इस अवधि में 42358 वाहनों की नंबर प्लेट से जुड़ी शिकायत सामने आई थी, जिनमें से 23285 वाहनों की नंबर प्लेट का डेटा अपडेट हुआ है, शेष 19073 वाहनों पर नंबर प्लेट पेंडिंग है।
प्रदेश के प्रमुख शहरों में नंबर प्लेट की स्थिति
शहर मामले निराकरण पेंडिंग
इंदौर 42358 23285 19073
भोपाल 22315 9266 13049
जबलपुर 14672 5656 9016
ग्वालियर 12772 6397 6375
उज्जैन 8538 3713 4825
कुल 51 जिले 278348 94272 184076
(जानकारी परिवहन विभाग के मुताबिक)
वाहन में नंबर प्लेट का डेटा अपलोड होने के बाद ही वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी हो सकता है। इसके चलते वाहनों की नंबर प्लेट का डेटा अपलोड नहीं होने के कारण इनके रजिस्ट्रेशन कार्ड भी जारी नहीं हो पा रहे हैं और इसके कारण वाहन खरीदने के तीन माह बाद भी कई वाहन मालिक बिना नंबर प्लेट और रजिस्ट्रेशन कार्ड के वाहन चलाने को मजबूर हैं।
हीरो मोटो कॉर्प में सबसे ज्यादा परेशानी
अधिकारियों के मुताबिक शहर में सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटो कॉर्प के वाहनों में सामने आ रही है। कंपनी के ज्यादातर वाहनों की नंबर प्लेट का डेटा पोर्टल पर अपलोड ही नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में इंदौर आरटीओ ने कंपनी के मुख्यालय को पत्र लिखते हुए तुरंत सभी गाडिय़ों की नंबर प्लेट का डेटा सिस्टम पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
डीलर्स को सिस्टम सुधार के निर्देश दिए हैं
इस संबंध में कई मामलों में डीलर्स द्वारा वाहनों पर नंबर प्लेट ही नहीं लगाई गई है। वहीं कई मामले ऐसे भी हैं, जिनमें नंबर प्लेट लगाने के बाद उनका डेटा सिस्टम पर अपलोड न होने जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं। इसे लेकर डीलर्स को नंबर प्लेट लगाकर तुरंत डेटा अपलोड करने और एनआईसी को सिस्टम में आ रही परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही इसमें सुधार होगा और सभी पेंडिंग रजिस्ट्रेशन कार्ड भी जारी होंगे। प्रदीप शर्मा, इंदौर आरटीओ
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