नई दिल्ली (New Delhi)। विपक्ष (Opposition) के 19 दलों ने घोषणा (19 parties announced) की है कि वे संसद के नए भवन (new parliament building) के उद्घाटन समारोह (opening ceremony) का सामूहिक रूप से बहिष्कार (mass boycott) करेंगे। विपक्षी दलों का कहना है कि समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखकर ‘अशोभनीय कृत्य’ किया गया है। संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
ये पार्टियां कर रहीं बहिष्कार
जिन 19 पार्टियों ने बहिष्कार का ऐलान किया है उनमें- कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), नेशनल कॉन्फ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) शामिल हैं।
इन 19 पार्टियों के अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कहा है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने जा रही है, लेकिन उसने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
क्या कहते हैं विपक्षी आंकड़े?
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या संसद के बाहर एकजुट विपक्ष संसद के अंदर भी उतना ही मजबूत है। आंकड़ों पर गौर करें तो इन सभी दलों को मिलाकर भी भाजपा के बराबर सीटें नहीं हैं। सभी 19 दलों को मिलाकर लोकसभा में उनके पास कुल 145 सांसद हैं। वहीं उच्च सदन यानी राज्यसभा में 97 सांसद हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ दल भाजपा के पास लोकसभा में 301 सदस्य हैं। वहीं राज्यसभा में भाजपा मात्र 4 सीटें कम 93 सांसदों के साथ भी मजबूत स्थिति में हैं।
मजबूत स्थिति में इसलिए है क्योंकि बीजेपी छोटे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) व बीजू जनता दल (बीजेडी) जैसे दलों के समर्थन पर भरोसा कर सकती है। ये दोनों दल नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेंगे। वाईएसआरसीपी के पास उच्च सदन में 23 सांसद हैं और बीजद के नौ सांसद हैं। यानी राज्यसभा में भी भाजपा को कोई दिक्कत नहीं है।
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