चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) में बढ़ते अपराध के ग्राफ को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) पर विपक्षी दलों के हमले हो रहे हैं। केवल 21 दिनों में 19 हत्याओं ने एक विवाद को जन्म दिया है। विपक्ष ने आरोप लगाया गया है कि आप सरकार ने राज्य को अपराधियों को सौंप दिया है। बढ़ते अपराध के ग्राफ को लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने तीखी आलोचना की है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (President Navjot Singh Sidhu) ने कहा, “पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सीएम हिमाचल की ठंडी हवाओं में वोट मांगने में व्यस्त हैं। औसतन रोजाना तीन से चार हत्याएं हो रही हैं। लोग दहशत में हैं।” वहीं, अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि आप के पंजाब में सरकार बनने के बाद से लोगों के मन में असुरक्षा की भावना है।
चीमा ने कहा, “पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार के गठन ने पंजाबियों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी थी। आप का पर्दाफाश हो गया है। आप के दो-दो मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के बारे में झूठे दावे कर रहे हैं। हम मुख्यमंत्री भगवंत मान से तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं। दुष्प्रचार में व्यस्त रहने के बजाय सुधारात्मक कदम उठाएं।”
पंजाब सरकार करेगी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन
इस बीच, पंजाब सरकार ने एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा की है जो संगठित अपराध नियंत्रण इकाई नामक मौजूदा इकाई में सुधार करेगी। आप प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग के मुताबिक टास्क फोर्स का नेतृत्व एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी करेंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल की हत्याओं को गंभीरता से लिया है और जिला पुलिस प्रमुखों को कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण रखने का निर्देश दिया है। भगवंत मान ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से आपको आपके अधिकार क्षेत्र में किसी भी कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराऊंगा, क्योंकि आप कानून के तहत जवाबदेह हैं।”
गैंग्सटर और नेताओं का गठजोड़
पंजाब पुलिस क्राइम विंग की रिपोर्ट कहती है कि राज्य के राजनेताओं ने गैंगस्टरों को उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए संरक्षण दिया। नाम न बताने की शर्त पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के बिना गिरोह जीवित नहीं रह सकते। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल सहित राजनीतिक दलों के नेता एक-दूसरे पर गैंगस्टरों के साथ कथित संबंधों का आरोप लगाते रहे हैं।
गैंगस्टर प्रभजिंदर डिंपी के कथित तौर पर अकाली दल के नेता (अमृतसर) सिमरनजीत सिंह मान के साथ संबंध थे। डिंपी ने बाद में मुख्तार अंसारी के साथ काम किया। एक और गैंगस्टर जसविंदर रॉकी ने 2012 में चुनाव भी लड़ा था और अकाली दल के शेर सिंह घुबाया का खुलकर समर्थन किया था। 2016 में उसकी हत्या कर दी गई थी। गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना कभी अकाली दल के नेता सिकंदर सिंह मलूका के समर्थक थे। बाद में उन्हें कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल के साथ देखा गया जब उन्होंने एक राजनीतिक दल बनाया।
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