नई दिल्ली। आजादी के बाद अब तक कांग्रेस के 19 नेता अध्यक्ष रह चुके है। इनमें नेहरू-गांधी खानदान के पांच लोग हैं अन्य 14 नेता गैर कांग्रेसी रहे है। 2017 से 2019 में जब राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपी गई थी तो वे इस परिवार के पांचवें ऐसे शख्स बन गए। फिलहाल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम सबसे लंबे 19 साल तक अध्यक्ष रहने का रेकॉर्ड है।
आज़ाद भारत में कांग्रेस के पहले अध्यक्ष थे आचार्य कृपलानी। प्रधानमंत्री पद के लिए वोटिंग में सरदार वल्लभ पटेल के बाद सबसे ज्यादा वोट कृपलानी के लिए ही पड़े थे लेकिन महात्मा गांधी के कहने पर दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया था।
दूसरे थे सीतारमैया।
महज सालभर के लिए तीसरे अध्यक्ष रहे पुरुषोत्तम दास टंडन।अगले साल उन्हें गवर्नर बना दिया गया।
जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते समय पांच वर्ष तक कांग्रेस की कमान संभाली। वह आजादी के बाद नेहरू-गांधी परिवार के पहले कांग्रेस अध्यक्ष थे।
उच्छंगराय नवलशंकर ढेबर कांग्रेस के पांचवें अध्यक्ष थे।
पिता की तरह इंदिरा गांधी भी प्रधानमंत्री रहते हुए करीब पांच साल तक कांग्रेस की छटी अध्यक्ष रहीं। वह पहली बार 1959 में अध्यक्ष बनीं और दूसरी बार आपातकाल के बाद 1978 में।
आगे चलकर देश के राष्ट्रपति बनने वाले नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के सातवे अध्यक्ष रहे।
आजाद भारत में कांग्रेस के आठवेअध्यक्ष रहे के कामरा।
अटूट कांग्रेस के आखिरी अध्यक्ष थे निजलिंगप्पा।
एस निजलिंगप्पा कांग्रेस के नौंवे अध्यक्ष थे। साल 1968-69 के बीच जब कांग्रेस 1967 की हार से उबर रही थी, तब निजलिंगप्पा ने कमान संभाली। उनके नेतृत्व में पार्टी पहले एकजुट हुई लेकिन खेमेबाजी हो चुकी थी। 1969 में कांग्रेस टूट गई। इस तरह वह अभिवाजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आखिरी अध्यक्ष रहे।
दसवे अध्यक्ष थे पी. मेहुल।
कांग्रेस के 11वें अध्यक्ष थे जगजीवन राम
भारत का नौंवा राष्ट्रपति बनने से पहले शंकर दयाल शर्मा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रह चुके थे।
असम से आने वाले देवकांत बरुआ उस वक्त कांग्रेस के अध्यक्ष थे जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया।
नेहरू-गांधी परिवार से तीसरे अध्यक्ष थे राजीव गाँधी।
मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, राजीव गांधी ने पार्टी की कमान संभाली।
यूपी के 5वें अध्यक्ष बने थे कमलापति त्रिपाठी
पीएम रहते ही पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद पर थे।
राव के इस्तीफा देने के बाद सीताराम केसरी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।
सबसे लंबे वक्त तक अध्यक्ष रहीं सोनिया। 1998 में कांग्रेस को राजनीतिक संकट से उबारने के लिए कांग्रेसियों ने गांधी परिवार का रुख किया। सोनिया आगे आईं और पार्टी की कमान संभाली। वह अगले 17 साल तक पार्टी अध्यक्ष बनी रहीं। उनके नेतृत्व में पार्टी 2009 और 2009 में सत्ता में रही। 2014 में बीजेपी के हाथों करारी हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन की बात चली थी मगर राहुल को परिपक्व नहीं समझा गया।
अगले और आखरी गाँधी अध्यक्ष रहे राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की बुरी हार हुई थी जिसके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया। जिसके बाद सोनिया गाँधी ने अंतरिम पद का भार संभाला।
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