उज्जैन। तीसरी लहर की शुरुआत से लेकर अब तक 1800 कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। सभी के सेम्पल ओमिक्रोन जाँच हेतु दिल्ली भेजे गए परंतु प्राप्त रिपोर्ट में से किसी में भी अभी तक ओमिक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है। दूसरी ओर पड़ौसी शहर उज्जैन में सब वेरिएंट बीए 2 के मरीज मिलने से यहाँ भी चिंता बढ़ गई है। आज से ठीक 56 दिन पहले शहर में कोरोना की तीसरी लहर का पहला केस एक बुजुर्ग दंपत्ति के पॉजीटिव होने के बाद सामने आया था। इसके बाद लगातार कोरोना के केस बढ़ते चले गए। पिछले एक हफ्ते से तो कोरोना संक्रमण की दर 12 प्रतिशत से ऊपर तक पहुँच गई है। लगातार इस अवधि में 200 या इससे अधिक कोरोना के मरीज लगातार मिल रहे हैं। नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि अभी तक माना जा रहा था कि ओमिक्रोन वेरिएंट सीधे फेफड़ों तक नहीं पहुँच रहा था। लंबे समय तक यह गले में ही रूका रहता था।
इसी वजह से यह संक्रमित व्यक्ति को ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचा रहा था और मरीज आसानी से सावधानी के साथ होम आईसोलशन में उपचार के बाद भी ठीक हो रहे थे लेकिन ओमिक्रोन के सब वेरिएंट सामने आने के बाद कोरोना मामलों को अब हलके में नहीं लिया जा सकता। डॉ. सोनानिया ने बताया कि इसके पीछे कारण यह है कि ओमिक्रोन का पहला सब वेरिएंट बीए 1 उज्जैन के अलावा अन्य जिलों में जनवरी के पहले सप्ताह में आ गया था। अब यही वेरिएंट म्यूटेन कर बीए 2 हो गया है। अभी तक की जानकारी में यह बात सामने आई है कि नया सब वेरिएंट बीए 2 फेफड़ों तक तेजी से पहुँचता है और यह फेफड़ों को बहुत जल्द संक्रमित कर देता है। ओमिक्रोन के पहले वेरिएंट से फेफड़ों के संक्रमण का खतरा कम था लेकिन बीए 2 इसके मुकाबले फेफड़ों को संक्रमित करने में कई गुना ताकतवर है। इसे हलके में लेने की लोग गलती न करें। उन्होंने यह भी बताया कि माधवनगर अस्पताल में अभी 4 मरीज भर्ती हैं जिनके फेफड़ों में संक्रमण है। इसमें तीन व्यक्ति उम्रदराज हैं, जबकि एक युवती भी शामिल है।
आरएमओ की धर्मपत्नी का निधन, कल शोक सभा
उज्जैन। जिला चिकित्सालय के आरएमओ डॉ. जितेन्द्र शर्मा की धर्मपत्नी डॉ. प्राची शर्मा का दु:खद निधन विगत दिवस नागपुर में हो गया था। जिनका उठावना व शोक सभा कल 26 जनवरी की शाम 4 बजे उनके ऋषिनगर बड़ा काम्पलेक्स स्थित निज निवास पर रखी गई है।
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