अयोध्या । श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) की रविवार को एक दिवसीय बैठक हुई। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (General Secretary Champat Rai) ने बैठक की जानकारी साझा करते हुए बताया कि राम मंदिर निर्माण (Ram temple construction) की अनुमानित लागत 18 सौ करोड़ हो सकती है। हालांकि यह राशि भी अंतिम नहीं है, यह बढ़ भी सकती है। फिलहाल टाटा इंजीनियरिंग कंसल्टेंट ( टीईसी) इसका आंकलन करने में जुटी है। निर्माण के शुरूआत में कार्यदायी संस्था एलएण्डटी भी आकलन नहीं कर पा रही थी। बावजूद इसके कानूनी बाध्यताओं के चलते मंदिर निर्माण पर चार सौ करोड़ के खर्च का अनुमान किया गया था।
ट्रस्ट महासचिव ने जानकारी दी कि बैठक में संस्था की नियमावली को भी अंतिम रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर कई बार चर्चा हुई और लोगों के सुझाव भी आए। फिलहाल अब स्वरूप स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में पहले सात अतिरिक्त मंदिरों के निर्माण का निर्णय लिया गया था। इनमें माता सीता, विघ्नहर्ता गणपति के अलावा महर्षि वाल्मीकि, निषादराज व माता शबरी के अलावा जटायू राज एवं गोस्वामी तुलसीदास प्रमुख थे।
भगवान राम के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ और महर्षि विश्वामित्र के साथ ऋषि अगस्त का भी पूजा स्थल बनवाए जाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी समेत14 ट्रस्टियों में दस भौतिक रूप से व चार वर्चुअल तरीके से से मौजूद थे। इस बैठक में भारत सरकार के प्रतिनिधि व्यस्तता के चलते अनुपस्थित रहे।
31 माह बाद भौतिक रूप से बैठक में उपस्थित हुए ट्रस्ट अध्यक्ष
सर्किट हाउस में हुई इस बैठक के समापन के बाद सोमवार को मंदिर निर्माण समिति की भी बैठक होगी। इसके पहले पहले सत्र में मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र सहित अन्य ट्रस्टियों ने रामलला का दर्शन पूजन किया और मंदिर निर्माण का भी अवलोकन किया। दोपहर करीब तीन बजे से बैठक शुरू हुई जिसमें रामजन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास दास भी शामिल हुए।
भगवान राम के स्वरूप पर भी हुआ मंथन
श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट के न्यासी एवं उडप्पी स्थित पेजावर मठ पीठाधीश्वर व जगदगुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ भी बैठक में सम्मिलित हुए। उन्होंने बताया बैठक में राम मंदिर में भगवान के विग्रह के स्वरूप को लेकर भी विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि भगवान को विग्रह सफेद संगमरमर का होगी जिसकी ऊंचाई चार से पांच फिट होगी।
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