नेमावर: गुजरात (Gujarat) के बनासकांठा जिले (Banaskantha district) में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने 20 लोगों की जान ले ली थी. मृतकों में मध्य प्रदेश के देवास जिले (Dewas district) के 10 और हरदा जिले (Harda district) के 8 लोग शामिल थे. गुरुवार को इन 18 मजदूरों का अंतिम संस्कार एक साथ देवास जिले के नेमावर घाट पर नर्मदा नदी के किनारे किया गया. दो अन्य शवों की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है, जिनकी पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की जाएगी. इस दौरान परिजनों ने इंसाफ की मांग उठाई, वहीं प्रशासन ने जांच का भरोसा दिया.
नर्मदा नदी के तट पर जब एक साथ 18 चिताएं जलीं, तो चारों ओर चीख-पुकार मच गई. हर आंख नम थी और हर दिल गमगीन. मृतकों के परिजनों ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं, लेकिन उनके जख्म गहरे हैं. देवास और हरदा जिला प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए सभी व्यवस्थाएं कीं. इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. हादसे में अपनों को खोने वाले परिजनों ने सरकार से इंसाफ और उचित मुआवजे की गुहार लगाई.
मृतक बबीता के बेटे अमर ने रोते हुए कहा, “मेरा सब कुछ चला गया. इस घटना में मेरी मां और एक भाई की मौत हो गई, जबकि मेरे दूसरे भाई का अभी तक पता नहीं चला. मुझे इंसाफ चाहिए.” वहीं, मृतकों के एक अन्य परिजन शिवलाल ने बताया, “इस हादसे में मेरी दो बहनें, एक भाई और तीन भतीजे चले गए. मेरे जीजा अभी गुजरात में ही हैं और रो-रोकर उनका बुरा हाल है.”
अंतिम संस्कार से पहले देवास जिले के 9 मजदूरों के शव उनके पैतृक गांव संदलपुर पहुंचाए गए, जबकि ठेकेदार पंकज का शव खातेगांव लाया गया. हरदा जिले के हंडिया गांव के 8 शव सीधे गुजरात से नेमावर घाट लाए गए. दोनों जिलों के कलेक्टरों ने बताया कि शवों को सम्मानपूर्वक लाने और अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए प्रशासन ने पूरी मदद की. पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कमल पटेल ने कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है. हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं और सरकार से उचित कार्रवाई की मांग करते हैं.” वहीं, हरदा से कांग्रेस विधायक डॉ. आरके दोगने ने भी शोक जताते हुए कहा, “इन मजदूरों के परिवारों को न्याय मिलना चाहिए. यह सिर्फ मुआवजे का मामला नहीं, बल्कि सुरक्षा का सवाल है.”
हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा, “हमने सभी शवों को उनके परिजनों तक पहुंचाया और अंतिम संस्कार में सहयोग किया. मामले की जांच चल रही है.” देवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने बताया, “शवों को एम्बुलेंस से लाया गया और परिजनों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई. दो शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है.” 1 अप्रैल को बनासकांठा के डीसा इलाके में एक पटाखा गोदाम में हुए विस्फोट ने पूरी इमारत को ढहा दिया. इस हादसे में 20 लोगों की मौत हुई, जिसमें से 18 की पहचान हो चुकी है.
मृतक ज्यादातर मध्य प्रदेश के मजदूर थे, जो रोजी-रोटी के लिए गुजरात गए थे. गुजरात पुलिस ने गोदाम मालिक और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है. हादसे के बाद गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया. केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने भी 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की. घायलों को 50,000 रुपये की मदद दी जाएगी. लेकिन परिजनों का कहना है कि मुआवजा उनके अपनों को वापस नहीं ला सकता, उन्हें इंसाफ चाहिए.
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