नई दिल्ली (New Dehli)। संसद के बजट सत्र (budget session of parliament)का आज आखिरी(the last) दिन है। ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण (Ram temple construction)और 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला (Ramlala in Ayodhya)की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा से 17वीं लोकसभा की कार्यवाही समाप्त हो जाएगी। इन मुद्दों पर राज्यसभा में भी चर्चा होगी। भाजपा ने शुक्रवार को तीन लाइन का व्हिप जारी किया, जिसमें अपने सांसदों को शनिवार को दोनों सदनों में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। सूत्रों ने कहा कि संसद अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए एक प्रस्ताव पारित करेगी।
सूत्र ने कहा, “संकल्प के अलावा विकसित भारत के लिए अमृत काल में इस सरकार की प्रतिज्ञा और राम राज्य की तरह सुशासन स्थापित करने के संकल्प पर भी चर्चा होगी।” सूत्र ने कहा, ”चर्चा इस बात पर हो सकती है कि हम किस तरह का देश बनाना चाहते हैं और हमारे पास किस तरह का नेतृत्व होना चाहिए।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सत्र खत्म होने से ठीक पहले लोकसभा में बोल सकते हैं।
शनिवार की लोकसभा की कार्य सूची के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह, बागपत से भाजपा सांसद और कल्याण से शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे नियम 193 के तहत चर्चा उठाएंगे।
इस सप्ताह की शुरुआत में देश का नाम बदलकर भारत करने की मांग करते हुए सत्यपाल सिंह ने लोकसभा में कहा था कि मोदी “राम राज्य की स्थापना” की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, “जब तक राम राज्य स्थापित नहीं हो जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे। आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी ने राम राज्य स्थापित करने की बात कही थी। प्रधानमंत्री मोदी महात्मा गांधी, महर्षि दयानंद और दीन दयाल उपाध्याय के आदर्शों का पालन कर रहे हैं और देश में राम राज्य स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
25 जनवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या मंदिर समारोह के बाद पहली बार बैठक की, जिसमें मोदी को अभिषेक समारोह के लिए बधाई देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव पेश किया। इस कैबिनेट बैठक को ऐतिहासिक कहा गया।
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