15 अगस्त को घोषणा होने की संभावना, प्रस्ताव को मिल चुकी है मंजूरी
इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद भी अपराधों में कमी देखने को नहीं मिल रही है, जबकि शहर के दो थाने ऐसे हैं जहां हर माह 171 केस दर्ज हो रहे हैं। इसके चलते इन थानों को तोडक़र दो नए थाने बनाने का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसको मंजूरी मिल चुकी है। 15 अगस्त को इसकी घोषणा हो सकती है।
यूं तो शहर में कुछ सालों से बाणगंगा और लसूडिय़ा थाना अपराधों में नंबर वन और दो पर चल रहे हैं। पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद भी यहां अपराध कम नहीं हो रहे थे। इसके चलते पुलिस कमिस्नर ने इन दोनों थानों को तोडक़र नए थाने बनाने का प्रस्ताव भेजा था, जो मंजूर हो गया है। जल्द ही ये दोनों नए थाने महालक्ष्मीनगर और भागीरथपुरा के रूप में अस्तित्व में आ सकते हैं। पुलिस का मनाना है कि इन दोनों थानों का क्षेत्र अधिक है, जिसके चलते उनको तोडक़र नए थाने बनाने के बाद यहां अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। इन दोनों थानों में सात माह में ही 12-12 हजार से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। इस हिसाब से हर माह 171 केस दर्ज हो रहे हैं। इन दोनों थानों की तुलना में शहर के अन्य थानों में आधे अपराध दर्ज होते हैं। शहर में पुलिस कमिश्नरी के अधीन 32 थाने हैं, जो बढक़र 34 हो जाएंगे। इन थानों को तोडऩे के साथ ही कुछ अन्य स्थानों का क्षेत्र भी इसमें मिलाया जाएगा। महालक्ष्मीनगर थाने में कनाडिय़ा, खजराना और लसूडिय़ा का हिस्सा तोडक़र मिलाया जाएगा। हालांकि पुलिस कमिश्नरी के पहले भी शहर में कुछ नए थाने जैसे तिलकनगर, कनाडिय़ा, राऊ, गांधीनगर बने हैं, जहां पुलिस को अपराध नियंत्रण में मदद मिली है। इससे पहले भी भंवरकुआ थाने को तोडक़र तिलक नगर और आजाद नगर थाना बनाया था। भंवरकुआ थाने का क्षेत्रफल और अपराध दोनों ज्यादा थे जिसके चलते थाने के कुछ हिस्से को तेजाजी नगर और कुछ को आजाद नगर में सम्मिलित किया गया। आजाद नगर थाने में संयोगिता गंज थाना क्षेत्र का कुछ हिस्सा भी मिलाया गया था। अभी राजेन्द्र नगर भी एक ऐसा थाना है जिसका इलाका बड़ा है। अधिकारी इस पर भी विचार कर रहे हैं।
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